रिलायंस बदलने जा रहा अपने एनर्जी बिजनेस की शक्ल

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नई दिल्ली,  रिलायंस एनर्जी बिजनेस की शक्ल बदलने की घोषणा रिलायंस के सालाना आम बैठक में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने की। ग्रीन एनर्जी के लिए रिलायंस ने कई घोषणाएं एक साथ की हैं। इसके लिए रिलायंस, गुजरात के जामनगर में 5 हजार एकड़ में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्पलेक्स बनाएगा। अगले तीन वर्षों में रिलायंस एंड टू एंड रिन्यूएबल एनर्जी इकोसिस्टम पर 75 हजार करोड़ रू का निवेश करेगा।

ग्रीन एनर्जी के मेगा प्लान के तीन हिस्से हैं। पहले हिस्से में चार गीगा फैक्ट्रियां बनाई जाएंगी। जो न्यू एनर्जी इकोसिस्टम के सभी प्रमुख घटकों का निर्माण करेंगी। इनमें से एक सोलर एनर्जी के लिए होगी। जो सोलर मॉड्यूल फोटोवोल्टिक मॉड्यूल बनाएगी। दूसरा एनर्जी के स्टोरेज या कहें भंडारण के लिए कंपनी एक अत्याधुनिक एनर्जी स्टोरेज बैटरी बनाने की फैक्ट्री भी डालेगी। तीसरा, ग्रीन हाइड्रोजन के प्रोडक्शन के लिए एक इलेक्ट्रोलाइजर फैक्ट्री बनाई जाएगी। चौथा हाइड्रोजन को एनर्जी में बदलने के लिए कंपनी एक फ्यूल सेल फैक्ट्री बनाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सामने 2030 तक 450GW रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूस करने का लक्ष्य रखा था। इसका जिक्र करते हुए अंबानी ने कहा कि रिलायंस 2030 तक 100GW सोलर एनर्जी उत्पादन करेगा और इसका एक हिस्सा रूफ-टॉप सोलर और गांवों में सोलर एनर्जी के उत्पादन से आएगा। गांवों में सोलर एनर्जी के प्रोडक्शन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलने की उम्मीद है। रिलायंस का इरादा सोलर मॉड्यूल की कीमत दुनिया में सबसे कम रखने का है, ताकी सोलर एनर्जी को किफायती बनाया जा सके।

सूर्य देव को नमन करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि सूर्य असीमित उर्जा पैदा करते हैं। अगर हम सौर उर्जा का इस्तेमाल कर पाए तो भारत फॉसिल फ्यूल यानी कच्चे तेल के आयातक से क्लीन सोलर एनर्जी का निर्यात देश बन सकता है।

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