Godrej & Boyce will strengthen vaccine cold chain to India and every corner of the world:गोदरेज एंड बॉयस भारत और दुनिया के हर कोने तक वैक्सीन कोल्‍ड चेन को मजबूत बनायेगा

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चण्डीगढ़: गोदरेज एंड बॉयस, जो गोदरेज ग्रुप की प्रतिष्ठित कंपनी है, जो अपनी शुरुआत से भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने में योगदान देती रही है। राष्‍ट्र के स्‍वास्‍थ्‍य सेवा पूर्वाश्‍यकता को एक कदम आगे बढ़ाते हुए, गोदरेज एंड बॉयस, अपने अप्‍लायंसेज के विभाग, गोदरेज अप्‍लायंसेज के जरिए अपने एडवांस्‍ड ‘मेड इन इंडिया’ मेडिकल रेफ्रिजरेशन समाधानों के माध्‍यम से भारत में कोविड टीकाकरण अभियान में सहयोग दे रहा है। ये रेफ्रिजरेशन समाधान, संवेदनशील वैक्‍सीन्‍स को बिल्‍कुल सही तापमान पर असरदार बनाये रखते हैं। आज, गोदरेज अप्‍लायंसेज ने उत्‍कृष्‍ट अल्‍ट्रा-लो टेंपरेचर फ्रीजर्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करके वैक्‍सीन कोल्‍ड चेन को और अधिक मजबूत बनाया। ये एडवांस्‍ड मेडिकल फ्रीजर्स जरूरी वैक्‍सीन्‍स सहित जीवन-रक्षक चिकित्‍सा आपूर्तियों को -80°C तापमान तक परिरक्षित रख सकते हैं और इनका लक्ष्‍य भारतीय एवं वैश्विक दोनों ही मेडिकल कोल्‍ड चेनको मजबूत बनाना है।

गोदरेज अप्‍लायंसेज वर्तमान में वैक्‍सीन रेफ्रिजरेटर्स का प्रभावशाली तरीके से इस्‍तेमाल कर रहा है। ये रेफ्रिजरेटर्स भारत में लगाये जा रहे अत्‍यंत तापमान-संवेदी कोवैक्‍सीन और कोविशिल्‍ड को स्‍टोर करने के लिए 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तक सटीक तापमान बनाये रखता है। गोदरेज अप्‍लायंसेज को अक्‍टूबर 2020 में इसके लिए राष्‍ट्रीय निविदा टेंडर प्राप्‍त हुआ है। ऐसे मेडिकल फ्रीजर्स जो-20°C तक तापमान को बनाये रखते हैं, का भी उपयोग डाइल्‍यूएंट्स एवं आइसपैक्‍स के लिए किया जा रहा है, जो कोविड टीकाकरण अभियान को सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए आवश्‍यक है। यदि इन वैक्‍सीन्‍स को विनिर्दिष्‍ट तापमान-सीमा में नहीं रखा जाये, तो ये स्‍वास्‍थ्‍य एवं आर्थिक स्थिति के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

इन अल्‍ट्रा लो टेंपरेचर फ्रीचर्स को इस पोर्टफोलियो में नये सिरे से शामिल किया गया है और ये विशेष रूप से एमआरएनए-आधारित टीकों के लिए उपयुक्‍त हैं जिनका उपयोग वर्तमान में अन्‍य देशों में हो रहा है। एमआरएनए-आधारित कोविड-19 वैक्‍सीन्‍स बेहद तापमान-संवेदी हैं और इन्‍हें अत्‍यंत निम्‍न तापमान रखा जाना अत्‍यावश्‍यक है। एमआरएनए को वातावरण के अन्‍य अणुओं से नुकसान पहुंचने का लगातार खतरा होता है। यद्यपि वैक्‍सीन्‍स के निर्माताओं ने कृत्रिम एमआरएनए में रासायनिक परिवर्तन किये हैंऔर इन परसुरक्षात्‍मक परत चढ़ाये हैं, फिर भी इन्‍हें निम्‍नतम -80°C के तापमान पर स्‍टोर किया जाना जरूरी है, ताकि इन्‍हें बर्बाद होने से बचाया जा सके, चूंकि इनका मानव स्‍वास्‍थ्‍य पर सीधा प्रभाव है। इसलिए, कोल्‍ड चेन संबंधी लॉजिस्टिक समस्‍याओं के चलते टीकाकरण प्रक्रिया में किसी भी तरह की बर्बादी या असरहीनता से बचाया जाना अत्‍यावश्‍यक है।

गोदरेज अल्‍ट्रा लो टेंपरेचर फ्रीजर का परिचालन सिद्धांत, कैस्‍केडिंग सिस्‍टम पर काम करता है, जिसमें प्राइमरी और सेकंडरी सिस्‍टम के बीच हीट एक्‍सचेंजर के रूप में पी.एच.ई. (प्‍लेट हीट एक्‍सचेंजर) का उपयोग किया जाता है। यह सेकंडरी सिस्‍टम के स्‍टैंडिंग प्रेशर को कम करता है, जिसके जरिए तापमान को कम करता है। इसके अलावा, गोदरेज अल्‍ट्रा लो टेंपरेचर फ्रीजर्स में अलार्म्‍स युक्‍त इनबिल्‍ट सेफ्टी सिस्‍टम्‍स मौजूद हैं ताकि असंभावी प्रेशर बिल्‍ड अप की स्थिति में सेकंडरी प्रेशर की रक्षा की जा सके। इसमें कई विशेषताएं मौजूद हैं जैसे कि (क) ताप के अंत:प्रवेश को रोकने के लिए 2 चरण सीलिंग एवं इंटर्नल सेपरेट डोर्स और (ख) लंबे समय तक चालू स्थिति में रखने के लिए सेकंडरी सिस्‍टम के लिए ऑयल रिकवरी, जो ऑपरेशन के दौरान इसकी संपूर्ण क्षमता को बढ़ाती हैं। आगे, लिक्विड कार्बन डाइ-ऑक्‍साइड (CO2) या लिक्विड नाइट्रोजन डाइ-ऑक्‍साइड (NO2) जैसे बैक-अप सिस्टम्‍स, बिजली चली जाने या असंभावित रूप से सिस्‍टम में खराबी आ जाने की स्थिति में 48 घंटे से अधिक समय तक तापमान को स्थिर बनाये रखते हुए स्टोर किये गये स्‍टॉक की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

अल्ट्रा लो टेंपरेचर फ्रीजर्स की वर्तमान क्षमता 12,000 यूनिट्स प्रति वर्ष हैऔर गोदरेज अप्‍लायंसेज बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए अपने उत्‍पादन को तेजी से बढ़ाते हुए 30,000 यूनिट्स प्रति वर्ष करने की दिशा में प्रयासरत है।

गोदरेज अप्‍लायंसेज, अंतिम छोर तक टीका उपलब्‍ध कराने के अगले चरण में सहायता के लिए अन्‍य तरीके भी तलाश रहा है। इसने महाराष्‍ट्र के ग्रामीण इलाके में मोबाइल क्लिनिक भी सफलतापूर्वक शुरू किया है और वैक्‍सीन रेफ्रिजरेटर से युक्‍त एंबुलेंस चला रहा, जो तीन दिनों तक बिना किसी पावर सोर्स से जुड़े प्रभावी तरीके से काम कर सकता है। प्रत्‍येक 2 घंटे पर तापमान की जांच की गयी और यह आवश्‍यक तापमान मानकों के अनुरुप पाया गया। चूंकि भारत में टीकाकरण की गति तेज की जा रही है, इसलिए इसे सफल बनाने में दूरदराज के क्षेत्रों के लिए इस तरह के अन्‍य सिस्‍टम्‍स को तैनात करना पड़ सकता है।

गोदरेज एंड बॉयस विशेष रूप से वर्तमान महामारी काल में देश की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। यह अपनी पेशकशों जैसे कि चिकित्सा घटकों – हॉस्पिटल बेड एक्‍चुएटर्स एवं वेंटिलेटर्स के लिए इलेक्‍ट्रो-मैग्‍नेटिक वॉल्‍व्‍स, लोगों की सुरक्षा हेतु डिसइंफेक्‍टेंट डिवाइसेज, या कार्यस्‍थल पर लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सोशल डिस्‍टेंट ऑफिसेज की स्‍थापना के जरिए लगातार प्रयासरत है। और इसे मेड इन इंडिया मेडिकल रेफ्रिजरेटर और फ्रीजर के साथ देश की सेवा करने का गर्व है।

हाल की प्रगतियों के बारे में टिप्‍पणी करते हुए, गोदरेज एंड बॉयस मैन्‍युफैक्‍चरिंग कंपनी लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, श्री जमशेद गोदरेज ने कहा, ”गहराईपूर्वक कवरेज और कोविड-19 टीकाकरण अभियान को लगातार चलाकर महामारी को और अधिक बढ़ने से रोका जा सकेगा। आज, दुनिया भर के देश प्रभावी कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को चलाने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अपर्याप्‍त कोल्‍ड चेन उपकरण उन प्रमुख चुनौतियों में से एक है, जिसके चलते ये वैक्‍सीन्‍स अप्रभावी हो सकते हैं और इसका नुकसान मानव स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ सकता है। रेफ्रिजरेशन टेक्‍नोलॉजी में गोदरेज के दशकों की दक्षता के साथ, यह ब्रांड वैक्‍सीन्‍स एवं जीवनरक्षक आपूर्तियों के एडवांस्‍ड कोल्‍ड स्‍टोरेज समाधानों की रेंज उपलब्‍ध कराता है जिनसे कोविड-19 से लड़ाई में दुनिया भर की सरकारों को सहायता मिल सकती है। इस महामारी ने वैक्‍सीन कोल्‍ड चेन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के लिए भविष्‍य में स्‍वयं को तैयार रखने की आवश्‍यकता को रेखांकित किया है।

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