शाम को तारों के दर्शन के बाद व्रत का किया जाता है पारण
Ahoi Ashtami Upaay, (आज समाज), नई दिल्ली: आज माताओं द्वारा संतान की लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखा जा रहा है। इस दिन माताएं अहोई माता जो मां पार्वती का स्वरूप हैं, उनकी पूजा करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को तारों के दर्शन के बाद व्रत का पारण किया जाता है। मान्यता है कि अगर आप इस दिन कुछ उपायों को करती हैं तो इनसे आपकी संतान की लाइफ में आ रहीं समस्याओं का अंत हो जाता है। आइए जानते हैं कि इस दिन किन उपायों को किया जा सकता है?
उपाय
- तुलसी पूजन: अहोई अष्टमी के दिन सुबह घर में तुलसी का पौधा लगाएं या पहले से मौजूद तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं। तुलसी माता की 11 बार परिक्रमा करें और संतान की सुख-समृद्धि की कामना करें। तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। यह उपाय संतान के जीवन में बाधाओं को दूर करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं: शाम के समय नजदीकी पीपल के वृक्ष के नीचे तिल के तेल के 5 दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय संतान की मंगल कामना करें और वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करें। पीपल को त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक माना जाता है। यह उपाय संतान को त्रिदेवों का आशीर्वाद दिलाता है और अहोई माता को प्रसन्न करता है।
- अहोई माता मंत्र का जाप: पूजा के दौरान लाल आसन पर बैठकर ॐ ह्रीं उमाये नम: मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। जाप अहोई माता की मूर्ति या चित्र के सामने करें। यह मंत्र माता पार्वती का शक्तिशाली बीज मंत्र है। यह उपाय संतानहीन दंपतियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है और घर में सुख-शांति लाता है।
- सफेद फूल अर्पित करें और तारों को अर्घ्य दें: पति-पत्नी मिलकर अहोई माता को सफेद फूल अर्पित करें। शाम को तारों के दर्शन होने पर उन्हें जल से अर्घ्य दें। सफेद फूल शुद्धता के प्रतीक हैं, जो माता को प्रसन्न करते हैं। यह उपाय संतान को सुखी और स्वस्थ रखने में सहायक है।
- दूध-भात का भोग लगाएं: अहोई माता को दूध-भात का भोग लगाएं और लाल फूल अर्पित करें। भोग के बाद प्रसाद को संतान को खिलाएं और लाल फूल को उनके पास सुरक्षित रखने को कहें। यह उपाय संतान की दीघार्यु और समृद्धि के लिए अचूक माना जाता है। इससे माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और संतान के जीवन में संकट दूर होते हैं।