दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से ये होता है फायदा

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नवरात्र में मां दुर्गा की साधना

अभी नवरात्र शुरू होने में काफी समय शेष है। फिर भी आपको अवगत कराते हैं कि नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा की साधना विशेष रूप से फलदायी होती है। इन दिनों भगवती दुर्गा की प्रसन्नता के लिए जो भी पूजा-अनुष्ठान किए जाते हैं, उनमें दुर्गा सप्तशती का पाठ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ नौ दिनों तक पूरे विधि-विधान से किया जाए तो मां जगदंबे शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
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खास है दुर्गा सप्तशती
श्री दुर्गा सप्तशती नारायण वतार श्री व्यासजी द्वारा रचित महापुराणों में मार्कण्डेयपुराण से ली गई है। इसमें सात सौ पद्यों का समावेश होने के कारण इसे सप्तशती कहा गया है। दुर्गा सप्तशती में 360 शक्तियों का वर्णन है। इसके 700 श्लोकों को तीन भागों में बांटा गया गया है। इसमें महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की महिमा का वर्णन है। मां जगदंबे की साधना के लिए किए जाने वाले दुर्गा सप्तशती के 13 पाठों का अपना विशेष महत्व है। सप्तशती के तीनों चरित्र का पाठ करने से पहले कवच, कीलक और अर्गलास्तोत्र, नवार्ण मंत्र, और देवी सूक्त का पाठ करना करना चाहिए। इससे पाठ का पूर्ण फल मिलता है। अगर संपूर्ण पाठ करने के लिए किसी दिन समय नहीं तो कुंजिकास्तोत्र का पाठ करके देवी से प्रार्थना करें कि वह आपकी पूजा स्वीकार करें। दरअसल मां दुर्गा की आराधना के लिए विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती पाठ किया जाता है। इसका पाठ शुभ की प्राप्ति, अनिष्ट का नाश व सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है। 

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