कहा, दिल्ली सरकार सात अधूरी अस्पताल परियोजनाओं को सुपर स्पेशलिटी आईसीयू केंद्रों में बदल रही
Delhi Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में यदि किसी क्षेत्र पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है तो वह है दिल्ली का शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की उदासीनता और लापरवाही के चलते इन दोनों की ही बहुत बुरी हालत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जहां आने वाले दिनों में शिक्षा मॉडल बदल रही है वहीं हम दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत्त हैं। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी एक ऐसी व्यवस्था विकसित की जाए जिससे विदेश से लोग भी दिल्ली में इलाज कराने के लिए आए। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार सात अधूरी अस्पताल परियोजनाओं को सुपर स्पेशलिटी आईसीयू केंद्रों में बदल रही है। सीएम ने कहा कि दिल्ली को मेडिकल हब की तौर पर विकसित किया जाएगा।
हम स्वास्थ्य सेवाओं को बना रहे पारदर्शी
सीएम ने कहा कि सरकार सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार ही नहीं कर रही, बल्कि उसे सुलभ, पारदर्शी और जन-संवेदनशील भी बना रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों को बेहतर बनाकर हर अस्पताल को अलग बीमारी के इलाज के लिए समर्पित किया जाएगा। इसमें कैंसर, ट्रांसप्लांट, डिलीवरी के जटिल मामले सहित अन्य सुविधा शामिल होंगी। इसके अलावा आईसीयू बेड्स की कमी को भी दूर किया जाएगा।
गंभीर चुनौती से जूझ रहा है विभाग
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकारों के भ्रष्टाचार व विजन की कमी के चलते दिल्ली का स्वास्थ्य ढांचा अभी भी अनेक गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों में बिस्तरों की भारी कमी थी और कई लोगों को इलाज न मिलने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। उस समय प्रति 1,000 नागरिकों पर केवल 0.42 अस्पताल बेड उपलब्ध थे। 38 सरकारी अस्पतालों में केवल छह एमआरआई और 12 सीटी स्कैन मशीनें थीं, जो किसी भी महानगर के लिए बेहद चिंता की बात है।
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