- कार्यक्रम में छात्राओं को पौधे रोपित करने व उनकी देखभाल करने की दिलाई शपथ
आज समाज नेटवर्क, जींद:
Clean the Environment by Planting Trees: माता चन्नन देवी आर्य कन्या गुरूकुल में हमारा परिवार पिल्लूखेड़ा ईकाई द्वारा मंगलवार को पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के तौर पर पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी रामअवतार रहे। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता संरक्षक दीपक कौशिक, ओम सिंह, प्रिंसिपल ज्योति ने की। कार्यक्रम में छात्राओं को पर्यावरण की महत्ता से भी अवगत करवाया गया और प्रत्येक छात्रा को पौधे रोपित करने व उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित करते हुए शपथ दिलाई गई।
पौधारोपण करके ही पर्यावरण को शुद्ध
पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी रामअवतार ने स्पष्ट किया कि पौधा लगाने से काम समाप्त नही हो जाता है। जब तक पौधा पेड़ का रूप नहीं ले लेता, तब तक उसकी देखभाल जरूरी है। पौधारोपण करके ही पर्यावरण को शुद्ध बनाया जा सकता है, इसलिए सभी को चाहिए कि वह पौधारोपण करके पर्यावरण को शुद्ध बनाने में योगदान दें।
पर्यावरण संरक्षण जरूरी
संरक्षक दीपक कौशिक, ओम सिंह ने कहा कि आज पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते हर वर्ग के लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह एक-एक पौधा अवश्य लगाएं ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। प्रिंसिपल ज्योति छिब्बर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण इसलिए जरूरी है कि पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड सोख कर ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे वायु प्रदूषण कम होता है। साथ ही पेड़ मिट्टी में जल धारण करने में मदद करते हैं और भूजल स्तर बढ़ाते हैं और मिट्टी के कटाव को रोकते हैं। पौधारोपण न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि मानव जीवन और भविष्य की पीढिय़ों के लिए भी अनिवार्य है।
पेड़-पौधे हमें आश्रय प्रदान करते हैं Clean the Environment by Planting Trees
पेड़ पौधे उस हवा को बेहतर बनाते हैं, जिसमे हम सांस लेते है। इसलिए पेड़-पौधों का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण योगदान है। क्योंकि पेड़-पौधे हमें आश्रय प्रदान करते हैं। पेड़-पौधों का मनुष्य स्वास्थ्य के साथ-साथ औषधियों में भी महत्वपूर्ण योगदान है। पेड़-पौधों में औषधि बनाने की जड़ी बूटियां पाई जाती है। जिससे विभिन प्रकार की दवाई बनाई जाती है। पेड़- पौधे लगाने से अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध ही नहीं बल्कि सुंदर भी बनाया जा सकता है। इसलिए पौधरोपण करके उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हमें लेनी होगी। बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए पौधारोपण ही एकमात्र उपाय है।
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