बच्चों को मोटापा एवं मधुमेह के बारे में किया जाएगा अवेयर, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूलों में मधुमेह अवेयरनेस बोर्ड लगाने को कहा
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। वर्तमान में पूरा विश्व स्वास्थ्य संबंधी जिस समस्या का सबसे ज्यादा सामना कर रहा है। वह है मोटापा और मधुमेय (शूगर) की समस्या। इस स्वास्थ्य संबंधी समस्या से भारत यहां तक की पंजाब भी अछूता नहीं है। हर रोज इस बीमारी अथवा स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी के चलते पंजाब सरकार ने अहम फैसला लेते हुए प्रदेश के स्कूलों में मुहिम चलाने की योजना बनाई है ताकि बच्चों को इस समस्या के प्रति जागरूक किया जा सके।
यह है सरकार का मकसद
पंजाब के स्कूलों में अब बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी दी जाएगी, ताकि बच्चे जागरूक होकर मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों से बच सकें। इसके लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से एक पहल की गई है। जिसमें स्कूलों में ऐसे बोर्ड लगाए जाएंगे जिससे बच्चों को मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों के बारे में जानकारी दी जा सकें।
इन बोर्ड के माध्यम से बच्चों को बताया जाएगा कि किस तरह से अधिक मीठा खाने या मीठे पेय पदार्थ पीने से वह इन बीमारियों का शिकार बन सकते है। इसके अलावा बच्चों को बोर्ड के माध्यम से यह भी बताया जाएगा कि यह अधिक मीठे पेया या खाद्य पदार्थ किस तरह से उनके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते है। इसके साथ ही बोर्ड पर स्वस्थ और संतुलित आहार के विकल्प भी बताए जाएंगे।
शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस दिशा में तेजी दिखाते हुए राज्य के सभी सरकारी स्कूलों, प्रिंसिपलों और मुख्य अध्यापकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। स्कूलों को कहा गया है कि मधुमेह बोर्ड को कैंटीन, क्लास और कामन एरिया जैसी प्रमुख जगहों पर लगाया जाए, ताकि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को इसकी लगातार जानकारी दी जा सकें। आमतौर पर देखा गया है कि स्कूल जाने वाले कई बच्चे जरूरत से अधिक मीठे पदार्थों का सेवन करते है एवं कम ही उम्र में मोटापा जैसी बीमारी का शिकार बन जाते है।
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