- आस्था की मिसाल: इमलोटा गांव के बुजुर्गों ने साइकिल से की खाटू श्याम व सालासर धाम की 525 किलोमीटर यात्रा
Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क)चरखी दादरी। आस्था व श्रद्धा में बडी ताकत होती है, जब अपने ईष्ट से इंसान की लौ लग जाती है तो उसके दर्शन के लिए वो सैकडों किलोमीटर दूर का सफर भी साईकिल के जरिए आसानी से पूरा कर सकता है फिर चाहे वो नौजवान हो या बुजुर्ग। यही साबित किया है हाल ही में दादरी से साईकिल के जरिए खाटू श्याम वसालासर पहुंच कर वहां दर्शन कर वापिस लौटने वाले बुजुर्गों तथा प्रौढों के जत्थे ने। इस यात्रा का मूल लक्ष्य अपने ईष्ट के दर्शन करने सहित आपसी मैत्री व सदभाव को बढाना, राजस्थान की संस्कृति को समझना तथा पूरे देश से इन दोनों धामों पर पहुंचे श्रद्धालुओं के साथ मत्था टेक कर अपने अनुभवों को सांझा करने का रहा।
खास बात यह रही कि लगातार रोजाना लगभग 105 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने वाला यह जत्था पूरी तरह से इस यात्रा के दौरान स्वस्थ रहा
जत्थे में शामिल मूल रूप से गांव इमलोटा निवासी तथा वर्तमान में दादरी के प्रेम नगर में रह रहे 62 वर्षीय राज्य स्तरीय राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित सेवानिवृत जिला शिक्षा अधिकारी जलधीर कलकल, नगर के रेलवे रोड पर अपनी दुकान संचालित करने वाले 63 वर्षीय कलियाणा निवासी नरेंद्र मितल, प्रेम नगर में रहने वाले समाज सेवी व किरयाणा की दुकान के मालिक 54 वर्षीय जयभगवान मल्हान, राज मिस्त्री कलियाणा निवासी 51 वर्ष के श्रीभगवान शर्मा ने लगातार पांच दिनों के करीबन 525 किलोमीटर साईकिल के जरिए यात्रा पूरी करके खाटू श्याम व सालासर की यात्रा को पूरा किया। खास बात यह रही कि लगातार रोजाना लगभग 105 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने वाला यह जत्था पूरी तरह से इस यात्रा के दौरान स्वस्थ रहा।
आज से इसी सप्ताह में कुछ दिनों पहले इस जत्थे ने दादरी के रेस्ट हाउस स्थित हनुमान मंदिर से बाबा का आशीर्वाद लेकर अपनी साईकिल यात्रा को आरंभ किया। इसके उपरांत पांच दिनों के दौरान लोहारू, सूरजगढ, चिड़ावा झुंझनु, नवलगढ, लक्ष्मणगढ़ होते हुए सालासर पहुंच बाबा के दर्शन किए। इसके उपरांत वाया सीकर से खाटु श्याम पहुंच कर वहां बाबा श्याम से आशीर्वाद लिया तथा पुन झुंझनु, चिड़ावा, सतनाली होते हुए यात्रा का समापन स्थानीय रेस्ट हाउस में किया गया। अपनी यात्रा के दौरान इस बुजुर्गों के साईकिल जत्थे ने साबित कर दिया कि जब मन में सच्ची श्रद्धा व भाव हो तो कोई भी कार्य किसी आयु का मोहताज नहीं होता।साईकिल जत्थे में शामिल सभी को नगर व क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने शुभकामनाएं प्रदान की।