याचिकाकर्ता ने राज्य की मुआवज़ा नीति में संशोधन की मांग की, यह बताते हुए कि फिलहाल किसानों को 25%–50% और 50%–100% फसल नुकसान पर ही मुआवज़ा दिया जाता है, जबकि 01% से 25% तक के नुकसान के लिए कोई नीति नहीं है।
याचिका में ऐसे मामलों में भी मुआवज़ा देने की मांग की गई तथा किसानों द्वारा लिए गए ट्रैक्टर लोन और किसान क्रेडिट कार्ड लोन माफ करने की भी प्रार्थना की गई।
सुनवाई के बाद माननीय मुख्य न्यायाधीश ने पंजाब सरकार और अन्य प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता द्वारा दी गई प्रस्तुतियों पर यथाशीघ्र आवश्यक कार्रवाई करें।
प्रस्तुति में शामिल बिंदु इस प्रकार हैं –
• 12.09.2025 की फसल नुकसान मुआवज़ा नीति में सुधारात्मक आदेश (Corrigendum) जारी करना, ताकि 01%–25% फसल नुकसान पर भी किसानों को मुआवज़ा मिल सके।
• फसल नुकसान मुआवज़ा नीति के क्रियान्वयन की निगरानी हेतु किसी वर्तमान/सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति का गठन।
• किसानों के राजस्व नुकसान का आकलन करने हेतु ड्रोन सर्वे कराना।
• ट्रैक्टर लोन माफ करना।
• किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन माफ करना।
• एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल की स्थापना।