- आर्गेनिक खेती मुहिम को गति देने के लिए किसान युवा क्लब ने उठाया एक और मजबूत कदम
- आर्गेनिक खेती व उत्पादों के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए लिया जाएगा संगीत का सहारा : बेनिवाल
- संदेश को मनोरंजन के साथ जोड़ा जाए तो वह समाज के हर वर्ग तक प्रभावी ढंग से पहुंचता है : राकेश बेनिवाल
Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क)चरखी दादरी। आधुनिकता की दौड़ में जहां रासायनिक खेती से धरती की उर्वरा शक्ति और लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ किसान युवा क्लब इन रासायनों के जहर से लोगों को बचाने के उद्देश्य से आर्गेनिक खेती व उत्पादों को बढ़ावा देने की मुहिम चलाए हुए है। इसी कड़ी में अब
किसान युवा क्लब (केवाईसी) ने आर्गेनिक खेती को अपनाने और बढ़ावा देने की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ाया है। जिसके तहत अब इस जनजागृति अभियान को नया आयाम देने के लिए हरियाणवी संगीत जगत के गायक अमित सैनी रोहतकिया भी इस मुहिम से जोड़ा गया है।
आर्गेनिक खेती केवल खेती का एक तरीका नहीं, बल्कि यह धरती, पर्यावरण और समाज के स्वास्थ्य से जुड़ी एक जिम्मेदारी है
किसान युवा क्लब के आग्रह पर अमित सैनी रोहतकिया भिवानी पहुंचे, जहां उन्होंने भिवानी स्थित किसान युवा क्लब द्वारा संचालित किसाग्रो मार्ट का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने आर्गेनिक उत्पादों की विविधता और उत्पादन प्रक्रिया की जानकारी ली। गायक ने कहा कि आर्गेनिक खेती केवल खेती का एक तरीका नहीं, बल्कि यह धरती, पर्यावरण और समाज के स्वास्थ्य से जुड़ी एक जिम्मेदारी है। गायक अमित सैनी ने बताया कि वे अपने आने वाले हरियाणवी गीत के माध्यम से आर्गेनिक खेती के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। यह गीत किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करेगा और उपभोक्ताओं को भी रासायनिक उत्पादों की बजाय जैविक वस्तुओं को प्राथमिकता देने का संदेश देगा।
किसान युवा क्लब के संस्थापक राकेश बेनिवाल, सुधीर तंवर, विनीत पिलानिया और अधिवक्ता बबीता यादव ने कहा कि चलचित्र और संगीत का प्रत्येक व्यक्ति के मन-मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर संदेश को मनोरंजन के साथ जोड़ा जाए, तो वह समाज के हर वर्ग तक प्रभावी ढंग से पहुंचता है। उन्होंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि संगीत व गायन के माध्यम से आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने की यह मुहिम और भी व्यापक होगी। उन्होंने बताया कि किसान युवा क्लब लंबे समय से किसानों के बीच जैविक खेती, प्राकृतिक खाद, जल संरक्षण और मिट्टी परीक्षण जैसे विषयों पर जनजागृति अभियानों का संचालन कर रहा है। किसाग्रो मार्ट की स्थापना भी इसी उद्देश्य से की गई थी, ताकि किसान और उपभोक्ता सीधे जैविक उत्पादों से जुड़ सकें।
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