
- छात्र नेताओं ने राज्यसभा सांसद किरण चौधरी, मंत्री श्रुति चौधरी व सांसद धर्मबीर सिंह को सौंपा मांगपत्र
(Bhiwani News) भिवानी। प्रदेश सरकार अपनी ही योजना के विपरीत चलते हुए स्थानीय राजकीय शिक्षण महाविद्यालय को चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय में विलय करने की योजना बनाई जा रही है। जिससे आर्थिक तौर पर कमजोर परिवार के बच्चों पर अधिक आर्थिक दबाव पड़ेगा। ऐसे मे राजकीय शिक्षण महाविद्यालय को सीबीएलयू में विलय ना किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को छात्र नेता प्रवीण बूरा के नेतृत्व में अन्य विद्यार्थियों ने राज्यसभा सांसद किरण चौधरी, कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी एवं भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सांसद चौ. धर्मबीर सिंह को मांगपत्र सौंपा।
तीनों ही नेताओं के नाम उनके प्रतिनिधियों को छात्र नेताओं द्वारा मांगपत्र सौंपा गया। मांगपत्र सौंपते हुए छात्र नेता प्रवीण बूरा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा में भिवानी व नारनौल में मात्र 2 राजकीय शिक्षण महाविद्यालय ही चलाए जा रहे है तथा इनमें से भिवानी के राजकीय शिक्षण महाविद्यालय को चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय में विलय करने बारे विश्वविद्यालय व विभागीय स्तर पर प्रक्रिया चल रही है, जो छात्र विरोधी कदम कदम है।
महाविद्यालय में हरियाणा प्रदेश के सभी जिलों से हर वर्ग के बच्चे न्यूनतम फीस में मैरिट आधार पर दाखिला लेते है
ऐसे में इस प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से रद्द कर भिवानी के बीएड महाविद्यालय का सीबीएलयू में विलय नहीं नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय में हरियाणा प्रदेश के सभी जिलों से हर वर्ग के बच्चे न्यूनतम फीस में मैरिट आधार पर दाखिला लेते है।
उन्होंने कहा कि सैल्फ फाइनेंस व निजी शिक्षण महाविद्यालयों की दोनों वर्षो की कुल फीस करीब एक लाख रुपये है, जबकि इस महाविद्यालय की कुल फीस 34 हजार 500 रूपये है, जिससे आर्थिक तौर पर कमजोर परिवार के बच्चों पर कम आर्थिक बोझ पड़ता है। बूरा ने कहा कि राजकीय शिक्षण महाविद्यालय को सीबीएलय में विलय ना कर सीबीएलयू अपने स्तर पर नए भवन में अलग से शिक्षण महाविद्यालय या विभाग स्थापित करे, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को फायदा मिल सकें।
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