Punjab News : पंजाब में घटा बासमती का रोपाई एरिया

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Punjab News : पंजाब में घटा बासमती का रोपाई एरिया
Punjab News : पंजाब में घटा बासमती का रोपाई एरिया

यह पिछले साल की अपेक्षा कम होकर 6.80 लाख हेक्टेयर एरिया पर पहुंची

Punjab News (रोहित रोहिला), चंडीगढ़। पंजाब के कुछ किसान अब बासमती की खेती से मुंह मोड रहे है। क्योंकि पिछले साल उन्हें अपनी बासमती के फसल के मन मुताबिक दाम नहीं मिल सकें थे। इसलिए इस बार सूबे के किसानों ने बासमती की कम खेती की है। पंजाब में बासमती की खेती वर्ष 2015-16 में 7.63 लाख हेक्टेयर एरिया से कम होकर वर्ष 2024-25 में 6.80 लाख हेक्टेयर एरिया पर पहुंच गई है। पिछले साल सरकार वर्ष 2023 के मुकाबले बासमती का क्षेत्र बढ़ाने में सफल भी रही थी। इस कारण बासमती निर्यातकों की चिंता भी बढ़ गई है। उनका कहना है कि इससे निर्यात पर भी असर पड़ेगा। वह बासमती की मांग पूरी नहीं कर पाएंगे।

प्रदेश के बासमती निर्यातों को उठाना पड़ा नुकसान

ईरान-इजराइल युद्ध के कारण पहले ही प्रदेश के बासमती निर्यातकों को नुकसान उठाना पड़ा है। पंजाब में बासमती की खेती के लिए जून मध्य से जुलाई के पहले सप्ताह तक का समय उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान मौसम भी फसल के लिए अनुकूल होता है, क्योंकि बारिश भी फसल के विकास में मदद करती है। हालांकि किसान जुलाई के पूरे महीने भी बासमती की खेती करते रहते हैं। बासमती के लिए धान की अन्य किस्मों के मुकाबले कम पानी की आवश्यकता होती है। इस कारण पंजाब सरकार भी बासमती की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करती है लेकिन इसके कुछ अच्छे परिणाम नहीं मिल रहे।

इस तरह कम होता गया एरिया

पंजाब में बासमती की खेती वर्ष 2015-16 में 7.63 लाख हेक्टेयर एरिया से कम होकर वर्ष 2024-25 में 6.80 लाख हेक्टेयर एरिया पर पहुंच गई है। पिछले साल सरकार वर्ष 2023 के मुकाबले बासमती का क्षेत्र बढ़ाने में सफल भी रही थी। वर्ष 2023-24 में 5.96 लाख हेक्टेयर एरिया में बासमती की खेती हुई थी। बासमती की 1121 समेत अलग-अलग किस्मों के दाम भी वर्ष 2022-23 में 4500 प्रति क्विंटल से गिरकर वर्ष 2023-24 में 3500 से 3600 प्रतिशत क्विंटल तक पहुंच गए हैं। इसके अलावा अमेरिका के साथ अभी तक ट्रेड डील फाइनल न होने के कारण भी निर्यातकों में फिलहाल डर है।

सरकार ने 7 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया

पंजाब बासमती मिलर्स एंड एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान बाल कृष्ण बाली ने बताया कि सरकार ने 7 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य तो तय कर लिया है लेकिन अधिकतर किसान बासमती की खेती से मुंह मोड़ रहे हैं। किसानों को पिछले साल फसल का सही दाम नहीं मिल पाया था और किसान 10 प्रतिशत कम दाम पर फसल बेचने पर मजबूर हुए थे। इससे बासमती का निर्यात भी प्रभावित होगा। इससे वह मांग पूरी नहीं कर पाएंगे। पंजाब से बासमती का निर्यात मुख्य रूप से ईरान, सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को होता है। इसके अलावा अमेरिका, सिंगापुर और मलयेशिया में भी पंजाब के बासमती का निर्यात होता है।

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