- कुरनूल में जनसभा को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री
Andhra Pradesh Breaking News, (आज समाज), अमरावती: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश पहुंच गए हैं। उन्होंने सबसे पहले प्रदेश के श्रीशैलम में श्री भ्रमरम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम (Sri Bhramaramba Mallikarjuna Swamy Varla Devasthanam) में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री के साथ इस मौके पर आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद रहे। चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu ) ने कई प्रमुख विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखने के लिए राज्य में पहुंचे प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।
हमारे राज्य में प्रधानमंत्री का हार्दिक स्वागत : नायडू
सीएम नायडू ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, आंध्र प्रदेश के लोगों की ओर से, मैं माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी का हमारे राज्य में हार्दिक स्वागत करता हूं। प्रधानमंत्री जिन परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे, वे उद्योग, विद्युत पारेषण, सड़क, रेलवे, रक्षा विनिर्माण, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सहित कई क्षेत्रों में फैली हुई हैं। ये परियोजनाएं आंध्र में बुनियादी ढांचे, औद्योगिक विकास और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर सरकार के फोकस को दर्शाती हैं।
देवस्थानम 12 ज्योतिलिंर्गों और 52 शक्तिपीठों में से एक
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 12 ज्योतिलिंर्गों और 52 शक्तिपीठों में से एक श्री भ्रमरम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम आंध्र प्रदेश के नंदयाल जिले के श्रीशैलम में है। प्रधानमंत्री यहां पूजा-अर्चना के बाद कुरनूल में सुपर जीएसटी-सुपर सेविंग्स प्रोग्राम में भाग लेने के लिए रवाना हो गए। वहां से प्रदेश को वह 13,430 करोड़ से ज्यादा की परियोजनओं की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री कुरनूल में जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
इसलिए अद्वितीय है देवस्थानम
श्री भ्रमरम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम अद्वितीय मंदिर है, क्योंकि इसमें एक ही परिसर में एक ज्योतिर्लिंग और एक शक्तिपीठ दोनों स्थित हैं – देश के मंदिरों में यह एक दुर्लभ विशिष्टता है। प्रधानमंत्री शिवाजी स्फूर्ति केंद्र (Shivaji Sphoorthi Kendra) भी पहुंचे, जो एक स्मारक परिसर है। इसमें एक ध्यान कक्ष है, जिसके चारों कोनों पर चार प्रतिष्ठित किलों, प्रतापगढ़, राजगढ़, रायगढ़ और शिवनेरी के मॉडल स्थित हैं, और केंद्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की गहन ध्यान मुद्रा में एक प्रतिमा है। शिवाजी स्फूर्ति केंद्र का प्रबंधन श्री शिवाजी स्मारक समिति द्वारा किया जाता है, जिसकी स्थापना श्रीशैलम में 1677 में छत्रपति शिवाजी महाराज (hhatrapati Shivaji Maharaj) की इस पवित्र मंदिर की ऐतिहासिक यात्रा के उपलक्ष्य में की गई थी।
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