Actress Smrity Sinha On Pawan Singh-Jyoti Singh Controversy: भोजपुरी फ़िल्म उद्योग एक बार फिर सुर्खियों में है – किसी फ़िल्म या हिट गाने की वजह से नहीं, बल्कि पावर स्टार पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहे विवाद की वजह से। सार्वजनिक आरोपों और भावनात्मक ड्रामे से भरे उनके निजी विवाद ने सबका ध्यान खींचा है। अब, अभिनेत्री स्मृति सिन्हा ने इस विवाद में अपनी बेबाक राय रखते हुए पवन सिंह को उनकी खराब छवि के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है।
“पवन सिंह अपनी छवि के लिए ख़ुद ज़िम्मेदार हैं” – स्मृति सिन्हा
हाल ही में एक मीडिया चैनल को दिए गए साक्षात्कार में, भोजपुरी अभिनेत्री स्मृति सिन्हा ने पवन सिंह-ज्योति सिंह विवाद और बिहार विधानसभा चुनाव, दोनों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बेबाकी से कहा,
“पवन सिंह और ज्योति सिंह के बीच जो भी मतभेद थे, उन्हें घर पर ही निजी तौर पर सुलझा लेना चाहिए था। हर बात को सार्वजनिक करने से एक अभिनेता की छवि को नुकसान ही पहुँचता है। कहीं न कहीं, पवन सिंह खुद अपनी इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार हैं।”
उनकी यह टिप्पणी साफ़ तौर पर दर्शाती है कि कैसे चल रहे आरोप-प्रत्यारोप ने पवन की सार्वजनिक छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जो कभी भोजपुरी इंडस्ट्री में शक्ति और लोकप्रियता का प्रतीक थी।
पवन सिंह को स्मृति की सलाह
स्मृति ने सिर्फ़ आलोचना ही नहीं की; उन्होंने अपने साथी कलाकार को सलाह भी दी। उन्होंने कहा, “पवन सिंह को अपने आस-पास किस तरह के लोगों को रखते हैं, इस बारे में ज़्यादा जागरूक होने की ज़रूरत है। उनके कई करीबी लोग उन्हें सही मार्गदर्शन नहीं देते, और यह एक बड़ी समस्या है।
वह एक बहुत ही प्रतिभाशाली अभिनेता हैं और भोजपुरी सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं, लेकिन इस तरह के विवाद न सिर्फ़ पेशेवर रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी नुकसान पहुँचाते हैं।” उनके शब्दों में चिंता और रचनात्मक आलोचना दोनों झलक रही थी, और उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे सबसे सफल सितारे भी मुश्किल में पड़ सकते हैं अगर वे सही सोच या सोच न रखें।
भोजपुरी इंडस्ट्री में एकता का अभाव
इसी बातचीत के दौरान, स्मृति सिन्हा ने भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री में एकता की कमी पर भी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “भोजपुरी अभिनेताओं में कोई एकता नहीं है। अगर होती, तो लोग मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ देने के लिए आगे आते। दुर्भाग्य से, वह कमी है।”
स्मृति ने पवन सिंह-ज्योति सिंह विवाद पर खेसारी लाल यादव की टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “अगर आप किसी के बारे में कुछ अच्छा नहीं कह सकते, तो उसके बारे में बुरा भी न बोलना ही बेहतर है।” उनके बयान में परिपक्वता और इंडस्ट्री के भीतर और अधिक एकजुटता की अपील झलक रही थी।
स्मृति सिन्हा की राजनीतिक योजनाएँ
दिलचस्प बात यह है कि स्मृति ने राजनीति में अपनी बढ़ती रुचि के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि उन्हें चुनाव लड़ने और प्रचार करने, दोनों के प्रस्ताव मिले हैं। हालाँकि वह अभी चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, उन्होंने पुष्टि की है कि वह प्रचार गतिविधियों में भाग लेंगी। स्मृति ने आगे कहा कि वह अपने पसंदीदा नेता चिराग पासवान का समर्थन करती हैं और चुनाव के दौरान अपने करीबी दोस्त रितेश पांडे के लिए प्रचार करने की भी योजना बना रही हैं।