Hardik Rathi’s Death Case, (आज समाज), रोहतक : इनेलो सुप्रीमो अभय सिंह चौटाला ने गुरुवार को रोहतक के लाखनमाजरा गांव में नेशनल बास्केटबॉल खिलाड़ी दिवंगत हार्दिक राठी के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। इस मौके पाए उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी मैदान में पसीना इसलिए नहीं बहाता कि सिस्टम की अनदेखी उसकी जिंदगी छीन ले। उसकी मेहनत सम्मान के योग्य थी न कि ऐसी मौत के।
आर्थिक सहायता के साथ-साथ एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए
मैं सरकार से माँग करता हूँ कि इस घटना की उच्चस्तरीय जाँच होने के साथ-साथ दोषियों पर सख़्त कार्रवाई की जाए और परिवार को उचित आर्थिक सहायता के साथ-साथ एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। हर खिलाड़ी की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। खेल सुविधाओं के नाम पर घोषणाएं करना आसान है लेकिन जमीन पर सुरक्षा सुनिश्चित करना ही असली शासन है।अभय चौटाला ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हार्दिक राठी की मौत के लिए पूरी तरह सरकार जिम्मेदार हैं।
दूसरे दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई करें
उन्होंने कहा कि सरकार का दिवाला पीटा हुआ है और जिम्मेदारी से भागते हुए मामले पर लीपापोती कर रही है। सरकार को चाहिए की बजाय डीएसओ को सस्पेंड करने के साथ वह दूसरे दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई करें। उन्होंने पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के समय में राजीव गांधी के नाम से जो स्टेडियम बने थे वर्तमान बीजेपी सरकार में वह गौशाला में तब्दील हो रहे हैं।
करोड़ों रुपए सरकार नहीं चुका पाई
उन्होंने पंचकूला की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि खिलाड़ियों की डाइट के लिए जिस कंपनी को ठेका दिया था, उसके भी करोड़ों रुपए सरकार नहीं चुका पाई। इसके बाद उसने खिलाड़ियों को खाना देना बंद कर दिया था। खिलाड़ियों की 450 रूपए डाइट होती है और मात्र सरकार 45 रुपए की थाली खिलाड़ियों को पकड़ा देता है। उन्होंने कहा सरकार खिलाड़ियों के साथ जातीय आधार पर भी भेदभाव करती है। उन्होंने मांग की कि सरकार हार्दिक के परिवार में एक नौकरी दे और प्रदेश में सभी स्टेडियम की अविलंबित हालात सुधरे।
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