Aaj Samaaj (आज समाज) A 200-Year-Old Jain Temple : स्थानीय श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर, जैन मोहल्ला में विराजमान संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री 108 निशचिंत सागर जी महाराज के अपने आशीष वचनों में कहा कि यह पानीपत जैन समाज का सौभाग्य है कि आज यहां पर एक 200 वर्ष प्राचीन जैन मंदिर का नवनिर्माण होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर भावनाओं से बनता है, मंदिर आस्था से बनता है, मंदिर श्रद्धा से बनता है, मंदिर भावनाओं से बनता है।

मंदिर शिलान्यास की तारीख की भी घोषणा की

पानीपत जैन समाज की भावना अति उत्तम है कि जो मंदिर 200 वर्ष प्राचीन है। उसको अब नए सिरे से धरातल से पुनः बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्री दिगंबर जैन पंचायत पानीपत का यह प्रयास सराहनीय है कि प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार एवं नवनिर्माण वह समय-समय पर कर रही है और यह आज समय की मांग भी है।

उन्होंने कहा कि यह मंदिर का निर्माण अति शीघ्र पूर्ण हो इसके लिए मैं अपना मंगल आशीर्वाद देता हूं आज पुष्प नक्षत्र के पावन योग पर मुनि श्री ने मंदिर शिलान्यास की तारीख की भी घोषणा की और कहा कि प्रभु आशीर्वाद से और परम पूज्य संत शिरोमणि राष्ट्र संत आचार्य भगवान श्री विद्यासागर महामुनिराज के आशीर्वाद से सब काम निर्विघ्न संपन्न होंगे। उन्होंने कहा कि आगामी 27 नवंबर दिन गुरुवार को शिलान्यास महोत्सव भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा उपस्थित जनमानस ने भी करतल ध्वनि से इस घोषणा की अनुमोदना की, चारों ओर मुनि श्री के जय घोष से वातावरण भक्ति में हो गया।

A 200-Year-Old Jain Temple : हरियाणा के इस जिले में 200 वर्ष प्राचीन जैन मंदिर का होगा नवनिर्माण, 27 नवंबर को शिलान्यास कार्यक्रम

लगभग 200 वर्ष पहले जैन मोहल्ले में बनाया गया था

इस अवसर पर जानकारी देते हुए श्री दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष सुनील जैन ने बताया कि श्री दिगंबर जैन भगवान महावीर जिनालय आज से लगभग 200 वर्ष पहले जैन मोहल्ले में बनाया गया था और समय-समय पर इस मंदिर का जीर्णोद्धार भी होता रहा, परंतु आज मंदिर की व्यवस्था के अनुरूप मंदिर का नवनिर्माण होना जरूरी था और यह हमारा सौभाग्य है कि इस मंदिर के शिलान्यास में मुनि श्री 108 निशचिंत सागर महाराज का सानिध्य पानीपत वासियों को प्राप्त हो रहा है। आगामी 27 नवंबर को भव्य रूप से इस मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन श्री दिगंबर जैन पंचायत के द्वारा किया जाएगा।

महाराज श्री का प्रवास पहली बार पानीपत को मिला

दोपहर की बेला में मुनि श्री ने पानीपत में विराजमान प्राचीन मंदिरों के भी दर्शन किए, जिसमें पानीपत के मेन बाजार में स्थापित श्री नेमिनाथ भगवान जिनालय एवं कायस्थान मोहल्ला में स्थापित सेठ दुंदीमल परिवार द्वारा निर्मित श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ जिनालय के दर्शन भी महाराज जी ने किये।

जानकारी देते हुए अधिवक्ता मेहुल जैन ने बताया कि महाराज श्री का प्रवास पहली बार पानीपत को मिला है और आज महाराज श्री ने पानीपत में विराजमान प्राचीन मंदिरों के दर्शन किए। उन्होंने बताया कि मेन बाजार में स्थापित श्री दिगंबर जैन नेमिनाथ जिनालय जो कि लगभग 100 वर्ष से भी अधिक प्राचीन हैं। भगवान नेमिनाथ को समर्पित है और साथ ही श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर दुंदीवालान लगभग ढाई सौ वर्ष से भी अधिक प्राचीन मंदिर है और इस मंदिर में 12वीं शताब्दी व 14वीं शताब्दी की भी प्रतिमाएं विराजमान हैं।

यहां की प्राचीनता यहां के गौरवशाली इतिहास को दर्शाती

इस अवसर पर महाराज श्री ने भी अपने उद्बोधन में कहा कि पानीपत एक धर्म नगरी है यहां की प्राचीनता यहां के गौरवशाली इतिहास को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह जैनो की भी नगरी रही इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं, क्योंकि जिस प्रकार से प्राचीन मंदिर यहां पर स्थापित हैं यह अपने आप में ही दर्शाता है कि यह जैन धर्म के लोगों का एक गढ़ रहा है। आज इस अवसर पर विशेष रूप से श्री दिगंबर जैन पंचायत के सचिव मनोज जैन, उप प्रधान सुरेश जैन, कोषाध्यक्ष सुशील जैन, दिनेश जैन, मुकेश जैन, कुलदीप जैन, नरेंद्र जैन, विभोर जैन, मनोज जैन आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।

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