लद्दाख बॉर्डर पर चीन के लिए तैनात ये लड़ाकू विमान

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हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड (HAL) के बनाए दो लाइट कॉम्‍बैट हेलिकॉप्‍टर्स (LCH) को लद्दाख सेक्‍टर में भेजा गया है। यह शॉर्ट नोटिस पर एयरफोर्स को पूरा सपोर्ट दे सकते हैं। दुनिया के सबसे हल्‍के हेलिकॉप्‍टर में 70mm के रॉकेट्स लगे हैं और एक चिन-माउंटेड कैनन है। इनसे भारत को दिन हो या रात, किसी भी वक्‍त कैसे भी टारगेट को हिट करने की क्षमता मिलती है।

भारत और चीन के बीच सीमा पर अप्रैल-मई से तनाव की स्थिति बरकरार है। लगातार मिलिट्री और डिप्‍लोमेटिक लेवल पर बातचीत के बावजूद टकराव खत्‍म नहीं हो पाया है। चीन ने जिस तरह से अपनी तरफ सेना और गोला-बारूद जुटाया है, उसके इरादों को भांप कर भारत ने भी पर्याप्‍त इंतजाम किए हैं। दोनों तरफ सैनिकों की संख्‍या लगभग बराबर तैनात है। इसके अलावा नेवी भी किसी भी वक्‍त ऐक्‍शन में आने को तैयार है। चीनी एयरफोर्स की चुनौती के लिए भारतीय वायुसेना ने लगभग सारे लड़ाकू विमानों को फॉरवर्ड एयरबेस पर अलर्ट मोड में रखा है। आइए आपको बताते हैं कि भारतीय वायुसेना ने किन-किन विमानों को लेह-लद्दाख या आसपास के बेसेज पर तैनात किया है।

IAF ने लद्दाख में अपाचे अटैक हेलिकॉप्‍टर्स को भी तैनात किया है। लेह एयरबेस पर इनकी तैनाती AGM-114 हेलफायर एयर-टू-सरफेस मिसाइल, AIM-92 स्टिंगर एयर-टू-एयर मिसाइल, 2.75 इंच रॉकेट्स और 30mm चैन गन के साथ की गई है। यह विमान पिछले साल ही भारत को मिले हैं।

पिछले साल मार्च में IAF का हिस्‍सा बने चिनूक भी लद्दाख में मौजूद हैं। यह विमान अपने साथ भारी मिलिट्री इक्विपमेंट्स को ऊंचाई वाले इलाकों में ले जा सकते हैं। मल्‍टी-रोल, वर्टिकल लिफ्ट प्‍लैटफॉर्म वाले यह विमान सैनिकों, आर्टिलरी, इक्विपमेंट और फ्यूल ट्रांसपोर्ट में इस्‍तेमाल होते हैं।

मैरिटाइम फाइटर जेट्स MiG-29K नार्दर्न सेक्‍टर के कई एयरबेसेज पर तैनात हैं। इससे लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल की एयर पैट्रोलिंग में भारत को खासी मदद मिलती है। भारतीय नौसेना के पास करीब 40 MiG-29K हैं जिनमें से आधे INS विक्रमादित्‍य पर तैनात हैं।

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