Military and diplomatic dialogue will continue between China and India: Foreign Ministry: चीन और भारत के बीच जारी रहेगी सैन्य और राजनयिक बातचीत: विदेश मंत्रालय

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नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच एलएसी पर तनाव और गतिरोध चीन के कारण खड़ा हो गया था। चीन ने भारतीय सैनिकों को अपने ही क्षेत्र में पेट्रोलिंग करने से रोका और बाद में वह भारतीय सीमा में घुस आए थे। अब तमाम स्तरों की बातचीत केबाद चीनी सेना पीछेहटने लगी। भारतीय सेना भी हिंसक झड़प के स्थान से पीछे हटी है। इस संदर्भ मेंभारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सैन्य और राजनयिक अधिकारी सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अपनी बैठकें जारी रखेंगे। हम बातचीत के माध्यम से सीमा क्षेत्र में अमन-चैन और मतभेदों के समाधान को लेकर आश्वस्त हैं।’ गुरुवार को मंत्रातय की ओर से प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ”भारत अपनी अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने केलिए प्रतिबद्ध है। प्रवक्ता ने कहा कि चीन के विदेश मंत्री को भारत के एनएसए अजित डोभाल ने एलएसी और गलवान घाटी के संदर्भ में भारतीय पक्ष से अवगत करा दिया। विदेश मंत्रालय ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी और एनएसए डोभाल के बीच हुई बातचीत के बारेबताया। प्रवक्ता ने कहा कि दोनों प क्ष इस बात पर सहमत हुए कि ऐसी किसी घटना को रोकने के लिए साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। जिससे सीमा पर शांति बनी रही।
भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी)की अगली बैठक जल्द ही होने की उम्मीद है।
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की स्थिति को लेकर मंत्रालय ने कहा कि सैन्य और राजनयिक अधिकारी सैनिकों की ख्या घटाने की प्रक्रिया को लेकर वातार्ओं का दौर जारी रखेंगे। हम सीमा क्षेत्रों में शांति के लिए और बातचीत के माध्यम से मतभेदों के समाधान के लिए आश्वस्त हैं।

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