Nirbhaya gangrape case: plea of guilty Vinay Sharma dismissed from Supreme Court: निर्भया गैंगरेप मामला-दोषी विनय शर्मा की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों पर हुए निर्भया गैंगरेप मामले ने भले ही पूरे देश को हिलाकर रख दिया था लेकिन उसके दोषी आज भी अपने अंजाम तक नहीं पहुंच सके हैं। निर्भया के माता-पिता न्याय की आस लगाए कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं। सात सालों से यह मामला कोर्ट में चल रहा है। आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में दोषी विनय शर्मा की याचिका खारिज कर दिया है जिसमें जिसमें राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका की अस्वीकृति को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और ए. एस. बोपन्ना के साथ न्यायमूर्ति आर. बानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ इस पर फैसला सुनाया है। इस मामले में चार दोषियों को पहले ही फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। अब विनय की याचिका खारिज होने के बाद अब उसके पास फांसी टालने के लिए कोई और रास्ता नहीं बचा है। जबकि दूसरी ओर सात सालों से न्याय का इंतजार कर रही निर्भया की मां की याचिका पर दिल्ली की एक अदालत ने सुनवाई की तारीख 17 फरवरी दे दी है। निर्भया के माता-पिता द्वारा गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म मामले में डेथ वारंट जारी करने की याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने माना कि दोषी अपने कानूनी उपायों को उपयोग करने के हकदार हैं और उनके मौलिक अधिकारों की अनदेखी नहीं की सकती। इससे अलावा अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले में अधिवक्ता रवि काजी को दोषियों में से एक पवन गुप्ता की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया था। चारों दोषियों में से सिर्फ पवन के पास ही सुधारात्मक और दया याचिका का विकल्प है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा, मैं समझता हूं कि पवन के कानूनी वकील को भी थोड़ा समय मिलना चाहिए, ताकि वह मुवक्किल का प्रभावी प्रतिनिधित्व कर सकें और दोषी को कानूनी सहायता महज दिखावा या सतही कार्रवाई जैसी नहीं लगे।

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