नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने का मुद्दा एक बार फिर से सदन में उठा। संसद सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने गांधी परिवार की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और कहा कि हम सरकार से आग्रह करते हैं कि हमारे नेताओं की सुरक्षा के मुद्दों को पक्षपातपूर्ण नजरिए से न देखें। उसे राजनीतिक विचारों से परे रखें। कांग्रेस नेता के इस मुद्दे पर भाजपा की ओर से जेपी नड्डा ने कहा कि कुछ भी राजनीतिक नहीं है। सुरक्षा वापस नहीं ली गई है। गृह मंत्रालय का एक बहुत ही निर्धारित पैटर्न है और एक प्रोटोकॉल है। यह एक राजनेता द्वारा नहीं किया जाता है, यह गृह मंत्रालय द्वारा किया जाता है और खतरे की धारणा के अनुसार सुरक्षा दी जाती है और वापस ले ली जाती है। आनंद शर्मा ने गांधी परिवार के सदस्यों की जान खतरे में है। उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या की घटना का हवाला देते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी साधारण सुरक्षा प्राप्त करने वाले लोग नहीं हैं और 1991 से एसपीजी की सुरक्षा प्राप्त कर रहे थे। उन्होंने प्रश्न किया कि अचानक से एसपीजी सुरक्षा क्यों हटा ली गयी। संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस सदस्य के इस विषय पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस को स्पीकर खारिज कर चुके हैं। यह अब शून्यकाल का विषय नहीं है और इसे बिना नोटिस के कांग्रेस सदस्य कैसे उठा सकते हैं। इस पर कांग्रेस के सभी सदस्य खड़े होकर विरोध दर्ज कराने लगे। चौधरी को इस विषय पर आगे बोलने की अनुमति नहीं दिये जाने पर कांग्रेस और राकांपा के सदस्यों ने सदन से वॉआउट कर दिया था।
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