Aaj Samaj (आज समाज), IMD Heatwave Alert, नई दिल्ली: पूर्वी भारत और दक्षिण के राज्यों में गर्मी ने अप्रैल के पहले सप्ताह में ही अपना रंगा दिखाना शुरू कर दिया है और ऐसे मौसम से फिलहाल राहत के आसार नहीं हैं। कुछ राज्यों में हीटवेव लू) चलना शुरू हो गई है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गुजरात और राजस्थान में इसी महीने 20 दिन तक लू चलेगी और लोगों को इस दौरान भयानक हीटवेव का सामना करना पड़ेगा।
पिछले साल देश के 60 प्रतिशत हिस्से में था हीटवेव का अनुमान
आईएमडी अधिकारियों के अनुसार जून तक पूरे देश का करीब 85 फीसदी हिस्सा आग में झुलसेगा। पिछले साल यह आंकड़ा 60 प्रतिशत था। अप्रैल से जून तक पारा सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर रहेगा। झारखंड, तेलंगाना और रायलसीमा में अलग-अलग स्थानों पर हीटवेव की स्थिति देखने को मिलेगी। साथ ही गंगीय पश्चिमी बंगाल और ओडिशा में अलग-अलग जगहों पर हीटवेव का कहर देखने को मिलेगा।
हीटवेव अधिक होने का कारण अल नीनो
छह अप्रैल तक पूर्वी और प्रायद्वीप भारत के राज्यों में मौसम विभाग ने हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। हीटवेव अधिक होने का कारण अल नीनो है। अगले तीन महीने ये अपना सबसे खतरनाक रूप दिखाएगा। अल नीनो का अंत जून में हो रहा है। हालांकि, जून में भी हीटवेव से तुरंत राहत मिल जाए इसकी संभावना भी कम है।
अप्रैल में आमतौर पर 4-8 दिन चलती है लू
अप्रैल में आमतौर पर हीटवेव 4 से 8 दिन ही चलती है, लेकिन इस बार स्थितियां जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण अलग हैं। देश के 23 राज्य इस बार हीटवेव यानी लू के 10 से 20 दिन का दौर देखेंगे। पिछले साल 31 मई से 20 जून तक लू और हीटवेव का सबसे लंबे समय का रिकॉर्ड बना था। यह रिकॉर्ड इस बार टूट सकता है। केवल दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी पारा आसमान छुएगा।
हीटवेव अधिक होने का कारण अल नीनो
हीटवेव अधिक होने का कारण अल नीनो है। अगले तीन महीने ये अपना सबसे खतरनाक रूप दिखाएगा। अल नीनो का अंत जून में हो रहा है। हालांकि, जून में भी हीटवेव से तुरंत राहत मिल जाए इसकी संभावना भी कम है। कर्नाटक में भी गर्म मौसम की स्थिति अल नीनो के प्रभाव में वृद्धि के कारण है।
बेंगलुरु के लोगों का कहना है कि तापमान का स्तर पिछले वर्षों की तुलना में बहुत अधिक है, जिससे यह असहनीय हो गया है। अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है जो पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से गर्म होने का वर्णन करता है। यह दुनिया भर में सामान्य मौसम पैटर्न को बाधित करता है, जिससे बाढ़, सूखा और अन्य चरम मौसम की घटनाएं होती हैं।
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