Ansal API Panipat : अंसल एपीआई में यूडीलैंड और ग्रीन बेल्ट के बाद अब बिल्डर्स की नजर सरकारी गोहर कब्जाने पर : स्वामी

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Panipat News-Ansal API Panipat
सामाजिक कार्यकर्ता जोगेंद्र स्वामी

Aaj Samaj (आज समाज),Ansal API Panipat,पानीपत: अंसल एपीआई पानीपत में विवादों का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा, पिछले काफी समय से अंसल मैनेजर और मालिकों द्वारा डीटीपी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके सैकड़ों करोड़ की यूडीलैंड को बिना प्लानिंग के ही चोर दरवाजे से बेचकर सरकार को मोटी चपत लगाने का कार्य किया। वहीं दूसरी तरफ लोगों की सुविधा के लिए छोड़ी जाने वाली ग्रीन बेल्ट पर डीटीपी विभाग द्वारा जमीनों को बिकवा कर उसमें कंक्रीट के मिल्क बूथो का निर्माण करवा दिया गया, जिसका काफी समय से सामाजिक कार्यकर्ता जोगेंद्र स्वामी द्वारा विरोध किया जाता रहा।

डीटीपी पानीपत को शिकायत देकर मामले से अवगत करवाया गया था  

अब नया विवाद अंसल एपीआई में बांके बिहारी मंदिर के सामने सत्येंजा बिल्डर द्वारा सरकारी गोहर में गार्ड रूम और गेट बनवाने का कार्य किया जा रहा है। इस मामले में शिकायतकर्ता जोगेंद्र स्वामी ने कहा कि उनके द्वारा 26 जून को डीटीपी पानीपत को शिकायत देकर मामले से अवगत करवाया गया था, लेकिन विभाग द्वारा ना तो अवैध निर्माण ध्वस्त करवाने की कार्रवाई की गई और ना ही हो रहे अवैध निर्माण को रोकने का कार्य किया गया।
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यूडी लैंड को बिना प्लानिंग के चोर दरवाजे से बेचने का कार्य किया

उन्होंने कहा कि कंट्री एंड टाउन प्लानिंग विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है। उसके अंदर भी इतना बड़ा घोटाला हो रहा है, तो फिर और जगह कितने बड़े भ्रष्टाचार होंगे इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अंसल मैनेजर तेजेंद्र पाल सिंह, अंसल मालिक और डीटीपी विभाग के अधिकारियों द्वारा पहले तो पूरे हरियाणा में डीटीपी हेडक्वार्टर के साथ सांठगांठ करके सभी यूडी लैंड को बिना प्लानिंग के चोर दरवाजे से बेचने का कार्य किया। जब हमने इसकी शिकायतें पानीपत से लेकर चंडीगढ़ हेड क्वार्टर निदेशक तक की तो डीटीपी द्वारा इनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के आदेश दिए गए।

प्रदर्शन करके डीटीपी विभाग में हो रहे घोटालों की पोल खोलेंगे

उसके बाद मोटी सांठगांठ करके चंडीगढ़ हेड क्वार्टर के उच्च अधिकारी इतनी बड़ी चोरी को दबाने के लिए मामले को कंसीडर कर अपराधियों को बचाने का कार्य कर रहे हैं और अब उस षड्यंत्र के बाद बिल्डर्स को सरकारी रास्तों पर कब्जा करवाने के लिए प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी रास्तों का किसी भी प्रकार से कोई बिल्डर्स अधिग्रहण या उस पर भवन निर्माण नहीं कर सकता। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी आदेश पारित किए गए हैं, लेकिन यह अधिकारी बिल्डर के साथ मिलीभगत करके माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को भी ठेंगा दिखाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर इस निर्माण को ध्वस्त नहीं किया गया, तो डीटीपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करके डीटीपी विभाग में हो रहे घोटालों की पोल खोलेंगे।