दिव्यांग एवं निर्धन जोड़ों का 38वां नि:शुल्क सामूहिक विवाह समारोह

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Udaipur News/ 38th free mass marriage ceremony of disabled and poor couples

आज समाज डिजिटल, उदयपुर:

गरीब, दिव्यांग एवं वंचित वर्ग की शिक्षा, चिकित्सा एवं पुनर्वास में 37 वषोर्से समर्पित नारायण सेवा संस्थान के तत्वावधान में आगामी 28-29 अगस्त को सेवामहातीर्थ, बड़ी में 38वां नि:शुल्क दिव्यांग और निर्धन युवक-युवती सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया जा रहा है।

अलग-अलग प्रदेशों से पहुंचे थे जोड़े

38th free mass marriage ceremony of disabled and poor couples

इसमें 51 जोड़े वैदिक ऋचाओं के उच्चारण के बीच अग्नि के सात फेरे लेकर जनम-जनम के साथी बनेंगे। प्रथम दिन प्रात: प्रथम पूज्य गणपति का आव्हान -वंदन होगा। इस विवाह समारोह में राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश, बिहार आदि राज्यों के जोड़े होंगे। जिनकी दिव्यांगता में सुधार के नि:शुल्क आॅपरेशन भी संस्थान में हुए और यहीं उन्होंने विभिन्न रोजगारपरक प्रशिक्षणों में भाग लेकर स्वावलम्बन के मार्ग पर कदम रखा। इनमें से अधिकतर जोड़ों का पारस्परिक परिचय भी यहीं हुआ और अब परिवारों की सहमति से ये एक-दूजेके होने जा रहे हैं। संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल के अनुसार संस्थान को अब तक 2151 दिव्यांग व निर्धन युवक-युवतियों की सुखद गृहस्थी बसाने का सौभाग्य मिला है।

जोड़ों का 27 से आगमन

संस्थान के जनसम्पर्क प्रभारी भगवान प्रसाद गौड़ ने कहा कि परिणय सूत्र में बंधने जोड़ों व उनके परिजनों का 27 अगस्त सुबह से आगमन शुरू होगा। ये सभी संस्थान के व्यय अथवा वाहनों से उदयपुर पहुंचेगे। इनके पूर्ण सुविधा युक्त आवास, भोजन, यातायात आदि की व्यवस्था सेवा महातीर्थ में की गई है। समारोह में वे ही वर-वधू व अतिथि शामिल होंगे जो कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं।

व्यवस्था समितियां गठित

विष्णु शर्मा ह्यहितैषीह्ण ने बताया कि इस समारोह में वर-वधू एवं उनके परिजनों के साथ ही विभिन्न प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में संस्थान शाखाओं के संयोजक, प्रेरक, प्रचारक एवं अतिथि भाग लेंगे। जिनकी सुचारू व्यवस्था के लिए स्वागत, आवास, अल्पाहार, भोजन, यातायात, सुरक्षा, नगर भ्रमण, चिकित्सा आदि के साथ ही वर-वधुओं को उपहार वितरण,साज-सज्जा आदि समितियों का गठन किया गया है। रेल्वे स्टेशन पर भी अतिथियों के लिए स्वागत एवं परामर्श केन्द्र लगाया जाएगा। उन्हें सेवामहातीर्थ अथवा निर्धारित आवास स्थलों तक ले जाने के लिए वाहन भी मौजूद रहेंगे।

स्वच्छता एवं पर्यावरण का संदेश

संस्थान निदेशक एवं ट्रस्टी देवेन्द्र चौबीसा ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार सामूहिक विवाह की थीम ह्यपर्यारवरण संरक्षण एवं स्वच्छताह्य होगा। इसके लिए प्रत्येक वर-वधू जोड़ा विवाहोपरान्त संस्थान परिसर मेंएक-एक छायादार पौधा रोपेगा। उन्हें विदाई के दौरान भी शपथपूर्वक एक पौधा व स्वच्छता के लिए प्रतीक रूप डस्टबीन प्रदान किये जायेंगे।

निगम से निकलेगी बिन्दोली

परिणय सूत्र में बंधने वाले युगल की बिन्दोली रविवार को शाम 5 बजे नगर निगम से 51 सजी-धजी बग्गियों – जीपों व बैण्डबाजे के साथ निकलेगी। जिसे संस्थान संस्थापक पद्मश्री कैलाश मानव, महापौर गोविन्द सिंह टांक एवं उपमहापौर पारस सिंघवी झण्डी दिखाकर रवाना करेंगे। बिन्दोली सूरजपोल, बापू बाजार, देहली गेट, टाउन हॉल रोड होती पुन: नगर निगम पहुंचेगी। इससे पूर्व सेवा महातीर्थ में इनकी हल्दी रस्म होगी व रात्रि को नृत्य-गीतों के साथ महारात होगी। यह जानकारी सामूहिक विवाह के संयोजक नरेन्द्र सिंह ने दी। सामूहिक विवाह का पोस्टर भी जारी किया गया।

देवस्थान मंत्री भी देंगी आशीष

29 अगस्त सोमवार को मुख्य समारोह मे राज्य की देवस्थान मंत्री श्रीमती शकुन्तला रावत भी नवयुगल को आशीर्वाद देने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगी। विवाह से पूर्व परम्परागत मेहंदीएवं तोरण की रस्म होगी। विवाह समारोह को यादगार बनाने के लिए हाइड्रोलिक मंच पर वर-वधू परस्पर वरमाला पहनाएंगे। इस दौरान इन पर पुष्प वर्षा होगी।

उपहार भेट

संस्थान एवं अतिथियों की ओर से प्रत्येक जोड़े को उपहार प्रदान किए जाएंगे। संस्थान नव गृहस्थी के लिए आवश्यक सारा सामान देगा। जिसमें पंखा, सिलाई मशीन, गैस चूल्हा, बर्तन, कूकर, सन्दूक टेबल-कुर्सी, परिधान, प्रसाधन सामग्री, मंगलसूत्र, बिछिया, पायल, लोंग, बालियां आदि शामिल हैं।

51 वेदी 51 आचार्य

सेवा महातीर्थ में बने भव्य पाण्डाल में 51 वेदी-अग्निकुण्ड बनाए गए हैं, जहा जोड़ों का वैदिक रीति से विवाह सम्पन्न होगा। प्रत्येक वेदी पर एक आचार्य उन्हें अग्नि के सात फेरे देगा और सात वचन दिलवायेगा। सभी आचार्य एक मुख्य आचार्य के निर्देशन में वैदिक मत्रों के उच्चारण के साथ विवाह की सम्पूर्ण रस्मे पूर्ण करवाएंगे। पाणिग्रहण संस्कार के बाद नव युगलों को सस्नेह विदाई दी जाएगी। वधुओं को डोली में बिठाकर परिसर के बाहर खड़े वाहनों तक विदा किया जाएगा। वहां से वे अपने-अपने घरों को प्रस्थान करेंगे।

ऐसे जोड़े भी होंगे सामूहिक विवाह में शामिल

दोनों दिव्यांग – बनेंगे हम कदम
बबीता – रविंद्र
हरियाणा के फरीदाबाद जिले का ग्रामुड़ गाँव निवासी रविंद्र तीन साल की उम्र में पोलियों ग्रस्त हो गया था । उसकी लाचार जिंदगी हर दिन उसके लिए सबब से कम नहीं थी , उसी बीच पिता का साया उठ गया । दु:खी रविंद्र नारायण सेवा संस्थान आया जहां उसने मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स किया । इसके बाद वह उ.प्र के लखनऊ में रोजगार के लिए गया । जहां एक कोचिंग कलांश में बबीता से मिलन हुआ । जो एक पांव से दिव्यांग थी और माता -पिता की मृत्यु के बाद अनाथ जिंदगी जी रही थी । दोनों ने जीनव साथी बनने की ठानी पर निर्धनता और दिव्यांगता उनके सपनों को आकर लेनें में बाधा बनते जा रही थी । इसी बीच उन्हें नारायण सेवा संस्थान के 38 वें सामूहिक विवाह की जानकारी मिली । संस्थान के सहयोग से दोनों दिव्यांग समारोह में शामिल हो रहे हैं । हम कदम बन जीवन की राह सुगम बनायेंगे।

इशारों – इशारों में बीतेगा सुमित्रा-कपिल का जीवन

38th free mass marriage ceremony of disabled and poor couples

38 वें सामूहिक विवाह में भाग लड़ रहें सुमित्रा और कपिल दोनों मूकबधिर हैं । वे बोल नहीं सकते पर इशारों – इशारों में दिल की बातें करेंगे और गृहस्थी की गाड़ी चलायेंगे। सुमित्रा पुत्री कुरीलाल बेडनपाड़ा (उदयपुर) और कपिल पुत्र शंकर लाल झाड़ोल (उदयपुर) के निवासी हैं । दोनों की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हैं । दोनों के परिवार लोगों के मुँह से गूंगा – गूंगी सुनकर तंग आ चुके थे । कोई भी इनका जीवन साथी बनने को तैयार नहीं था । इनके माता – पिता अपने बच्चों की शादी करने के लिए बहुत घूमें, जब अपनी संतान की दिव्यांगता बताते तो निराशा हाथ लगती साथ ही रिश्तेदारों के ताने मिलतें । संस्थान के सामूहिक विवाह से इन्हे आशा जगी । संस्थान की मदद से दिनाँक 29 अगस्त को सुमित्रा एंव कपिल एक होने जा रहे हैं । दोनों बनेंगे एक दूसरे के पूरक पर इशारों – इशारों से।

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