गन्ना का एसएमपी 380 रुपए प्रति क्विंटल हो : बादल

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शिअद अध्यक्ष ने विरोध कर रहे गन्ना उत्पादकों के साथ एकजुटता व्यक्त की
आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गन्ना किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए गन्ना उत्पादकों के सभी लंबित भुगतानों को तत्काल जारी करने के अलावा गन्ने का राज्य सुनिश्चित मूल्य (एसएपी) को न्यूनतम 380 रुपए प्रति क्ंिवटल करने की मांग की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगर कांग्रेस सरकार गन्ना उत्पादकों के साथ न्याय सुनिश्चित नहीं करती है तो शिअद-बसपा गठबंधन सरकार एसएपी को न्यूनतम 380 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ा देगी। उन्होने कहा कि हम अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी इस प्रतिबद्धता को शामिल करेंगे।प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि चार साल से गन्ने का एसएपी बढ़ाने से इंकार करने के बाद सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल में 15 रुपए प्रति क्ंिवटल की मामूली वृद्धि की है, जोकि बेहद कम है। यह गन्ना उत्पादकों के साथ-साथ विविधीकरण को धोखा देने वाली बात है। सरकार ने इस कठोर और असंवेदनशील काम के माध्यम से गन्ना उत्पादकों के घावों पर नमक छिड़का है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अगर सरकार ने इस साल गन्ना मूल्य में न्यूनतम 20 रुपए की बढ़ोतरी की होती हो इस साल कम से कम 380 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य दिया होता। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने से पंजाब के किसानों को 1000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, उन्होंने कहा कि पड़ोसी हरियाणा सरकार 358 रुपए प्रति क्विंटल एसएपी दे रही है, जो 30 रुपए से 40 रुपए प्रति क्ंिवटल है। उन्होंने कहा कि अगर देर से भुगतान करने के साथ-साथ डीजल पर उच्च राज्य वैट पर ब्याज लगाया जाए तो किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हो गया है। अकाली दल अध्यक्ष ने यह भी मांग की कि राज्य सरकार सहकारी चीनी मिलों से गन्ना उत्पादकों के कारण भुगतान का बकाया तत्काल जारी करना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि सरकार निजी मिलों को बकाया राशि को मंजूरी देने के लिए स्पष्ट कटौती का निर्देश जारी करने में विफल रही है। निजी मिलों ने बाजार में चीनी बेची है, लेकिन किसानों को भुगतान नहीं किया है।

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