कहा, सभी गुरु साहिबान का जीवन मानवता की सेवा की सर्वोत्तम गाथा
Punjab CM News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान श्री गुरु तेग बहादर जी के 350वें शहादत दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के हिस्से के रूप में आयोजित कीर्तन दरबार में भाग लिया और आध्यात्मिक कीर्तन का आनंद लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शहीदों की बलिदान केवल निज के लिए नहीं, बल्कि मानवता की भलाई और सत्य एवं न्याय के लिए थी।
उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादर जी की शहादत के 24 साल बाद 1699 में श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर खालसा पंथ की स्थापना हुई थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने पूरे परिवार को धर्म के लिए बलिदान कर दिया, जो पूरी दुनिया के इतिहास में एक अद्वितीय उदाहरण है।
लोगों को अत्याचार के खिलाफ लड़ना सिखाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी लोगों को अत्याचार के खिलाफ खड़े होने और अन्याय के विरुद्ध डटकर संघर्ष करने की भावना श्री गुरु अर्जन देव जी, श्री गुरु तेग बहादर जी और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी से विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि बलिदान की भावना हमारे रक्त में है और पंजाबी अपनी महान विरासत पर गर्व महसूस करते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस महान और पवित्र दिवस को मनाने का उद्देश्य नवें गुरु श्री गुरु तेग बहादर जी के दर्शन और शिक्षाओं को पूरी दुनिया में पहुंचाना है, ताकि शांति, सद्भावना और धर्म निरपेक्षता के आदर्श, जिनके लिए उन्होंने शहादत दी थी, सुरक्षित रह सकें।
अपने इतिहास को भूलने वाले इतिहास के पन्नों से मिट जाते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो समुदाय अपनी शानदार विरासत को भूल जाते हैं, वे इतिहास के पन्नों से जल्दी ही मिट जाते हैं। उन्होंने कहा कि जो समुदाय अपनी पृष्ठभूमि से प्रेरणा लेते हैं और शहादतों की राह पर चलते हैं, वे अंधकार में भी उम्मीद की किरण खोज लेते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नवें गुरु एकता और धर्म निरपेक्षता के समर्थक थे। उन्होंने आगे कहा कि उनका जीवन और शिक्षाएं पूरी मानवता के लिए प्रकाशस्तंभ हैं।
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