
8th Pay Commission Approved : 8वें वेतन आयोग को को लेकर आपके लिए बड़ी खुशखबरी सामने आयी है। केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और इसके साथ ही सदस्यों का गठन होने की उम्मीद भी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। 8वें वेतन आयोग का फायदा लाखो कर्मचारियों और पेंशनभोगियो का होने वाला है।
यह वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर और सैलरी-पेंशन स्ट्रक्चर में बड़े बदलावों पर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा, जिससे आपकी मासिक आय में जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है।
8वें वेतन आयोग का गठन
8वें वेतन आयोग के ‘टर्म्स ऑफ रेफरेंस’ (टीओआर) को लेकर कैबिनेट की मंजूरी जल्द मिलने की उम्मीद है। नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी के स्टाफ साइड सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, “हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी देगी।”
टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) वे दिशा-निर्देश हैं, जिनके आधार पर वेतन आयोग काम करता है और अपनी सिफारिशें तैयार करता है। इन दिशा-निर्देशों में मुद्रास्फीति, आर्थिक स्थिति और आय असमानता जैसे कई कारकों पर विचार किया जाता है।
रक्षा सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भी शामिल
8वें वेतन आयोग का लाभ करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को मिलने की उम्मीद है। इसमें रक्षा सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भी शामिल हैं। आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन भत्ते, पेंशन और महंगाई भत्ते (DA) में समायोजन की सिफारिश करेगा। यह एक ऐतिहासिक कदम होगा, जिससे इन सभी हितधारकों के जीवन स्तर और वित्तीय सुरक्षा में सुधार करने में मदद मिलेगी।
वेतन में कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद
8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 1.92 से लेकर अधिकतम 2.86 तक रहने की उम्मीद है। इसके मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो सकता है।
यह एक जबरदस्त बढ़ोतरी होगी, जिससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति में काफी सुधार होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, यह वेतन बढ़ोतरी अप्रैल 2026 से लागू की जा सकती है। हालांकि, इस संबंध में सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन यह अनुमान कर्मचारियों के लिए बड़ी उम्मीद जगाता है।
क्या है फिटमेंट फैक्टर
फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक है, जिसे मौजूदा न्यूनतम मूल वेतन से गुणा किया जाता है। इसी आधार पर नया वेतन ढांचा तय होता है। उदाहरण के लिए, 6वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन ₹7,000 प्रति माह था। इसे 7वें वेतन आयोग में बढ़ाकर ₹18,000 प्रति माह कर दिया गया।
इसका मतलब है कि 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। इससे केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 14.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। फिटमेंट फैक्टर यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारियों की आय मुद्रास्फीति और जीवन यापन की लागत में वृद्धि से समायोजित हो।
हर दस साल में वेतन आयोग का गठन
सरकार हर दस साल में वेतन आयोग का गठन करती है। इसका काम कर्मचारियों के वेतन ढांचे की व्यापक समीक्षा करना है। इसमें महंगाई, आर्थिक स्थिति और आय असमानता जैसे कई कारक शामिल हैं।
आयोग बोनस, भत्ते और गैर-सेवा क्षेत्र के लाभों पर भी सिफारिशें देता है। वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्ते को बाजार दरों के साथ-साथ देश की आर्थिक क्षमता के अनुरूप बनाए रखना है ताकि उन्हें उचित और प्रतिस्पर्धी पारिश्रमिक मिल सके।
वर्तमान में सरकार 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन और पेंशन का भुगतान कर रही है। इसका गठन 2014 में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने किया था। इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू होनी थीं। अब 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर केंद्र सरकार की आधिकारिक अधिसूचना का बेसब्री से इंतजार है, जो लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के भविष्य को आकार देगा।
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