नई दिल्ली। देश मेंकोरोन वायरस महामारी से जंग जारी है। इस महामारी नेदेश में सबकुछ ठप कर दिया है। कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया था जिसकी वजह से लगभग डेढ महीने से उद्योग-धंधे बंद हैं। अब धीरे-धीरेइसे खोलने के प्रयास हो रहे हैं। लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था चिंताजन स्थिति है। अब कई राज्योंने श्रम कानूनों में कई बड़े बदलाव किए हैं। हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि ये श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकते हैं। इस विषय पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि ‘अनेक राज्यों द्वारा श्रमकानूनों में संशोधन किया जा रहा है। हम कोरोना के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता। इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता।’ गौरतलब है कि कई राज्यों ने श्रम कानूनों मेंबदलवा कर श्रमिकों के लिए कामकाज के घंटे को आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है। कांग्रेस के नेता पिछले कई दिनों से श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं।
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