नई दिल्ली। आज संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है जिससे देश के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें। एनआरसी में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि धर्म विशेष के लोगों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। जबकि एनआरसी का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुरु से ही पुरजोर विरोध करती रहीं हैं। आज गृहमंत्री के एलान पर उन्होेंने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ममता बनर्जी ने एक जनसभा को यहां संबोधित करते हुए कहा, ” कुछ लोग ऐसे हैं जो राज्य में एनआरसी लागू करने के नाम पर अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि हम बंगाल में एनआरसी की कभी अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा, ”कोई आपकी नागरिकता छीनकर आपको शरणार्थी नहीं बना सकता है। धर्म के आधार पर कोई बंटवारा नहीं होगा। पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने से पहले भाजपा को यह बताना चाहिए कि 14 लाख हिंदू और बंगालियों का नाम असम में एनआरसी सूची में क्यों नहीं है। असम में एनआरसी की अंतिम सूची में 19.6 लाख लोगों के नाम नहीं आने के बाद बंगाल में प्रस्तावित एनआरसी ने लोगों के बीच घबराहट पैदा कर दी और उसमें 11 लोगों की जान चली गई।
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