Nirbhaya gang rape case: Court gives seven days time to the culprits, hanging will not be different: निर्भया गैंगरेप केस: कोर्ट ने दोषियों को दिया सात दिन का समय, अलग-अलग नहीं होगी फांसी

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नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में अब तक चारों दोषी कानून का सहारा लेकर अपनी फांसी से बचते रहे हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज बुधवार को निर्भया के चार दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने आज कहा कि एक ही अपराध के लिए चारों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती है। याचिका पर फैसला पढ़ते हुए जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने दोषियों को अपने सभी कानूनी विकल्प सात दिन के भीतर उपयोग करने का समय दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से ही सवाल किया कि जब 2017 में ही सर्वोच्च न्यायालय ने निर्भया के गुनहगारों की अपील खारिज कर दी थी तो कोई डेथ वारंट जारी करवाने के लिए आगे नहीं आया। इस मामले में न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने शनिवार, रविवार यानी 1 और 2 फरवरी को विशेष सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में निर्भया के दोषियों के संबंध में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि निर्भया के चारों दोषी कानून का गलत फायदा उठा रहे है और अपनी फांसी को टालने की कोशिश कर रहे हैं, लिहाजा जिन दोषियों की दया याचिका खारिज हो चुकी है या किसी भी फोरम में उनकी कोई याचिका लंबित नही हैं, उनको फांसी पर लटकाया जाए। निर्भया के माता-पिता की ओर से पेश वकील जितेंद्र झा ने बताया कि उन्होंने सरकार की याचिका के जल्द निपटारे के लिए अदालत से अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि जल्द से जल्द इस पर फैसला आएगा।

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