नई दिल्ली। दिल्ली निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में चार दोषियों में से एक दोषी पवन की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार खारिज कर दी। बता दें कि अन्य तीन दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा पहले ही खारिज की जा चुकी है। अब चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं। जबकि दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को दोषियों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य जांच की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि इसे सबसे पहले एनएचआरसी के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि निर्भया के दोषियों के लिए तीसरी बार डेथ वारंट जारी कर तीन मार्च सुबह छह बजे का समय फांसी के लिए दिया गया था लेकिन फिर से उसे कानूनी दांव पेंच के चलते रोकना पड़ा। सोमवार को चारों दोषियों की फांसी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। अब चूंकि चारों दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज हो चुकी है तो संभव है कि फांसी के लिए अगला डेथ वारंट कोर्ट जारी करे। बता दें कि 16-17 दिसंबर 2012 की रात फिथिजियोरेपी की 23 वर्षीय छात्रा से दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और लगभग 15 दिन बाद मौत हो गई थी।
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