Indian government cancels the passport of Swayambhu Baba Nityanand, the new application is also rejected: भारत सरकार ने स्वयंभू बाबा नित्यानंद का पासपोर्ट किया रद्द, नए की भी अर्जी खारिज

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नई दिल्ली। भारत सरकार ने विवादों में रहे स्वयंभू बाबा नित्यानंद का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। साथ ही नए पासपोर्ट के आवेदन की अर्जी को भी खारिज कर दिया गया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह भी कहा कि मंत्रालय ने विदेशों में स्थित सभी मिशनों और पोस्टों को नित्यानंद के बारे में सावधान कर दिया है। बता दें कि गुजरात पुलिस ने पिछले दिनों बताया था कि नित्यानंद देश छोड़कर भाग गया है। उसके खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज है। सबूतों के लिए उसकी दो महिला अनुयायियों को गिरफ्तार किया गया है। अहमदाबाद (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक एसवी असारी ने बताया था कि नित्यानंद कर्नाटक में उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज होने के बाद ही देश छोड़कर भाग गया था। गुजरात पुलिस उचित माध्यम के जरिए उसकी हिरासत हासिल करेगी। पुलिस ने साध्वी प्राण प्रियानंद और प्रियातत्व रिद्धि किरण को भी गिरफ्तार किया था। दोनों पर चार बच्चों को कथित तौर पर अगवा करने और उन्हें एक फ्लैट में बंधक बनाकर रखने का आरोप है। बता दें कि पुलिस नित्यानंद के आश्रम से गायब हुई महिला की जांच कर रही है।
भगोड़ा नित्यानंद ने बनाया अपना देश
खबर है कि पुलिस देशभर में भगोड़े नित्यानंद उर्फ राजशेखरन ने दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के मध्य में इक्वाडोर के पास एक द्वीप को खरीदकर उस पर एक नया देश हिंदू राष्ट्र कैलाश बसा दिया है। अब उसके पास उसका खुद का पासपोर्ट भी है। कथित देश कैलाश की वेबसाइट के मुताबिक यह सीमा रहित राष्ट्र है, जिसे दुनिया भर के बेदखल हिंदुओं ने बसाया है, जिन्हें उनके अपने देश में प्रामाणिक रूप से हिंदू धर्म का अभ्यास करने की अनुमति नहीं है। इस देश का अपना तिकोना झंडा है, जिस पर परमशिव और नंदी का चित्र है और इसे ऋषभ ध्वज नाम दिया गया है। इसकी मुख्य भाषाएं अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल हैं। वेबसाइट पर किए गए दावे के अनुसार नए देश की सरकार में आंतरिक सुरक्षा, रक्षा, कोषागार, वाणिज्य, आवास, मानवीय सेवाएं और शिक्षा जैसे विभिन्न मंत्रालयिक विभाग हैं।

सब कुछ मुफ्त का दावा
वेबसाइट में कहा गया है, कैलाश को न सिर्फ सनातन हिंदू धर्म की रक्षा और संरक्षण के लिए, और उसे पूरे विश्व से रूबरू कराने के लिए बनाया गया है। बल्कि इसके जरिए उत्पीड़न की ऐसी कहानी भी बताई जाएगी, जो अभी तक दुनिया को पता नहीं है। यह नया देश एक मंदिर आधारित पारिस्थितिकी के साथ तीसरी आंख के पीछे का विज्ञान, योग, ध्यान और गुरुकुल शिक्षा पद्धति का भी दावा करता है। साथ ही सभी को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त भोजन और एक मंदिर आधारित जीवन प्रणाली देने की बात भी कहता है।

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