Bad behavior with front line workers is not tolerated – Prime Minister Narendra Modi: फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ बुरा व्यवहार बर्दाश्त नहीं, डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी बिना वर्दी वाले सैनिक -प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली। कर्नाटक के बेंगलुरु में राजीव गांधी यूनिवर्सिटी आॅफ हेल्थ साइंस के सिल्वर जुबली कार्यक्रम में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। अपने संबोधन में पीएम ने कोरोना संकट पर चिंता जताई और कहा कि यह संकट दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसेबड़ा संकट है। जिस प्रकार से विश्व युद्ध के बाद दुनिया बदल गई। वैसे ही कोरोना के बाद दुनिया पूरी तरह से बदल जाएगी। उन्होंने यहां आयुष्मान भारत योजना का जिक्र किया और कहा कि यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना है। 2 वर्षों से भी कम समय में, इस योजना से 1 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं। महिलाओं और गांवों में रहने वाले इस योजना के प्रमुख लाभार्थियों में शामिल हैं। पिछले पांच साल में देश में एमबीबीएस की 30 हजार सीटें बढ़ गई हैं और पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटों में 15 हजार की बढ़ोतरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट कह देना चाहता हूं कि फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ बुरा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस भले ही इनविजिबल है, लेकिन कोरोना वॉरियर्स विंसिबल हैं। डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी बिना वर्दी वाले सैनिक हैं। लिहाजा हमें मानवता से जुड़े विकास की ओर देखना होगा। मेक इन इंडिया के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में पीपीई किट, एन-95 मास्क बन चुके हैं और सब मेड इन इंडिया हैं। देश में आरोग्य सेतु ऐप बनाई गई है और अब तक 12 करोड़ लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहले वैश्विकरण को लेकर आर्थिक मसले पर चर्चा होती थी, लेकिन अब मानवता के आधार पर चर्चा करना जरूरी होगा।

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