नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच बातचीत राजनयिक तौर पर हुईऔर इस बीच एनएसए अजीत डोभाल नेचीन के विदेश मंत्री वांग यी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की योजना बनी। यह बातचीत करीब दो घंटे लंबी चली। जिसके बाद ही चीनी सेना की वापसी संभव हो सकी। हालांकि चीन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। इसलिए भारतीय सेना पूरी तरह से स्थिति पर नजर बनाए हुए है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी र्वी लद्दाख की गलवान घाटी और पैंगॉन्ग झील के चार स्थानों से पीछे जा रही है। इन स्थानों पर चीन ने जो स्ट्रक्चर खड़ा किया था उसे भी हटाया जा रहा है। बावजूद इसके भारत बहुत सर्तक है। एक कमांडर के अ नुसार कल शाम तक चीनी सैंनिकों के पीछे जाने की रफ्तार कम थी। अन्य स्थानों पर जिस तेजी के साथ चीनी सेना पीछे हटी है उसके मुकाबले फिंगर 4 मेंउसकी रफ्तार बहुत कम थी। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी निर्णय पर पहुंचने के पहले पैंगोंग त्सो में चीन की सेना द्वार की जा रही हरकतों पर नजर रखना जरूरी है। सेना के अधिकारी केअनुसार गालवान, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में अपने सैन्य पोजिशन के मामले में चीनी सैनिकों को नुकसान था जबकि पैंगोंगत्सो की स्थितियां उनके पक्ष में थीं। ची नी सेना ने फिंगर 4 तक एक सड़क बना ली थी। अधिकारियों ने कहा कि प्रत्येक प्वाइंट पर सैन्य कमांडरों द्वारा जमीन पर बातचीत की जा रही थी।
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