F-1 Visa crisis: Indian students trapped in US need to know this …F-1 Visa संकट: US में फंसे भारतीय छात्रों को ये जानना है जरूरी…

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अमेरिका ने 6 जुलाई को कहा कि अगर फॉल सीजन में क्लासेज ऑनलाइन हो गई हैं तो वो विदेशी छात्रों को देश में नहीं रहने देगा. अमेरिका के इमिग्रेशन और कस्टम एनफोर्समेंट के इस कदम से देश में उच्च शिक्षा ले रहे 2 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र प्रभावित होंगे.

अगर आप अमेरिका में F-1 वीजा लेकर गए एक भारतीय छात्र है, तो आपको क्या जानना जरूरी है? आपके विकल्प क्या है? ऐसे ही सब सवालों के जवाब यहां जानिए.

F-1 वीजा क्या है?

F-1 वीजा (अकादमिक छात्र) आपको अमेरिका में फुल-टाइम छात्र के तौर पर एंट्री करने देता है और आप किसी कॉलेज, यूनिवर्सिटी, सेमिनरी, अकादमिक हाई स्कूल, एलीमेंट्री स्कूल, या लैंग्वेज ट्रेनिंग प्रोग्राम में जाने देता है.

F-1 वीजा के साथ आप कैंपस में फुल-टाइम क्वार्टर्स या सेमेस्टर के दौरान 20 घंटे प्रति हफ्ते काम कर सकते हैं.

अमेरिकी सरकार के नए आदेश से कौन प्रभावित होगा?

F-1 वीजा लिए छात्र और अमेरिका में उच्च शिक्षा की उम्मीद लिए छात्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. यहां दो बातें जानना जरूरी है:

  • अमेरिका उन छात्रों को F-1 वीजा नहीं देगा, जो फॉल 2020 में नया सेमेस्टर शुरू करने जा रहे थे. ये सेमेस्टर पूरी तरह ऑनलाइन होगा.
  • अगर बचे हुए फॉल सेमेस्टर में क्लासेज ऑनलाइन हो जाएंगी, तो अमेरिका में मौजूद छात्रों को देश छोड़ना पड़ेगा.
  • क्या इसका मतलब ये है कि छात्रों को कोर्स बीच में ही सस्पेंड करना होगा?

नहीं, जो छात्र अमेरिका से वापस आएंगे वो अपने देश में ऑनलाइन क्लासेज लेते रहेंगे.

  • क्या कोई रास्ता नहीं है जिससे भारतीय छात्र अमेरिका में रह जाएं और अपना कोर्स पूरा कर लें?

ऐसा सिर्फ तब ही हो सकता है जब छात्रों की यूनिवर्सिटी पढ़ाने का कोई और तरीका तय करे, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की क्लासेज हों.

ऐसे में छात्रों को यूनिवर्सिटी से कहकर इमिग्रेशन और कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) के सामने ये साबित करना होगा कि क्लासेज ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की हो रही हैं. सिर्फ जरूरी डॉक्युमेंट्स जमा करने के बाद ही छात्रों को रहने दिया जाएगा.

मेरी यूनिवर्सिटी हाइब्रिड क्लासेज ऑफर नहीं कर रही लेकिन एक और यूनिवर्सिटी ऐसा कर रही है? क्या मैं अपना कोर्स ट्रांसफर कर सकता हूं?

हां, आपके पास दूसरी यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर करने का विकल्प है. हालांकि ये फॉल सेमेस्टर एग्जाम से पहले करना होगा.

हालांकि ये ध्यान रखा जाए कि ज्यादातर यूनिवर्सिटी में फॉल सेमेस्टर का एडमिशन प्रोसेस पूरा हो चुका है और कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखकर ऐसी उम्मीद कम है कि कोई यूनिवर्सिटी 2021 से पहले ऑफलाइन क्लासेज शुरू करेगी.

अगर कोई छात्र अपने देश लौटने या ट्रांसफर होने में नाकाम रहता है तो क्या होगा?

  • ऐसे मामले में छात्र को अपने देश डिपोर्ट किया जाएगा.
  • इन छात्रों पर भविष्य में अमेरिका में एंट्री करने का बैन भी लग सकता है.
  • लौटने वाले छात्र स्प्रिंग सेमेस्टर से पहले नए F-1 वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं?

इस मामले में ICE की तरफ से कोई स्पष्टीकरण अभी नहीं आया है.

  • जो छात्र सितंबर 2020 में कोर्स शुरू करने वाले थे, उनका क्या होगा? क्या वो अपना एडमिशन अगले सेमेस्टर के लिए टाल सकते हैं?

इस मामले में भी ICE की तरफ से कोई स्पष्टीकरण अभी नहीं आया है.

मैं महामारी की वजह से भारत लौट आया था. मेरी यूनिवर्सिटी हाइब्रिड क्लासेज कर रही है. लेकिन मैं वापस नहीं जा पा रहा हूं. मैं क्या करूं?

ऐसे में छात्र को अपने देश में ही रहना होगा, जब तक कि ट्रेवल बैन हट नहीं जाता है.

  • अगर मैं अपने देश लौटता हूं और ऑनलाइन एजुकेशन जारी रखता हूं, तो क्या मुझे फीस का रिफंड मिलेगा?

ये फैसला यूनिवर्सिटी ही करेगी और इसके लिए छात्र को यूनिवर्सिटी से संपर्क करना चाहिए.

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