Maharashtra: Devendra Fadnavis did walkout from House before floor test: महाराष्ट्र: देवेंद्र फड़णवीस फ्लोर टेस्ट से पहले किया सदन से वॉकआउट

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एजेंसी,मुंबई। महाराष्ट्र में लागू हुए राष्ट्रपति शासन के बाद पहले देवेंद्र फड़णवीस ने अजित पवार के साथ मिलकर शपथ ग्रहण की और सरकार बनाई जिसके बाद अजित पवार ने भाजपा का साथ छोड़कर एनसीपी और शरद पवार के साथ जाना उचित समझा। फिर जिस नाटकीय अंदाज में रातें रात भाजपा की सरकार बनी उसी प्रकार एकदम से देवेंद्र फड़णवीस को इस्तीफा देना पड़ा। महाराष्टÑ में अब शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने सरकार बनाई। आज फ्लोर टेस्ट में भी उद्धव ठाकरे को 169 विधायकों का समर्थन मिला। महा विकास अघाडी गठबंधन ने विधानसभा में शनिवार की दोपहर करीब 2 बजे फ्लोर टेस्ट पास कर लिया। इन सबके बीच सदन की कार्रवाई शुरू होते ही पूर्व सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने कई सवाल उठाए। उन्होंने संविधान के उल्लंघन की भी बात की। उन्होंने शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले ही सदन से वॉकआउट किया।

जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणीस ने जिन परिस्थितियों में ट्रस्ट वोट कराया जा रहा था उसको लेकर सवाल उठाए और प्रो-टेम स्पीकर यह अनुरोध किया कि कार्यवाही से पहले उसे दुरुस्त करें। भाजपा नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष के रूप में एनसीपी नेता दिलीप वालसे पाटिल की नियुक्ति पर शनिवार को आपत्ति जताई। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई फडणवीस ने आरोप लगाया कि विधानसभा सत्र की शुरूआत नियमों के अनुसार नहीं हुई। उन्होंने कहा, ”विधानसभा सत्र का आयोजन संवैधानिक नियमों के अनुसार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रियों का शपथ ग्रहण भी संवैधानिक नियमों के मुताबिक नहीं हुआ। हालांकि, दिलीप वालसे पाटिल ने उनके दावों को खारिज किया और कहा कि सत्र का आयोजन राज्यपाल की अनुमति से रहा है। फडणवीस ने वालसे पाटिल को विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त करने पर भी आपत्ति जताई। फडणवीस ने कहा, ”भारत में विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष को कभी नहीं हटाया गया था, आखिर भाजपा के कोलांबकर को इस पद से क्यों हटाया गया।’इस पर वालसे पाटिल ने कहा कि राज्य कैबिनेट को विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष को नामित करने का ”पूरा अधिकार है।

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