Journalist should always stand with facts and truth: Ajay Shukla: पत्रकार को हमेशा तथ्य व सत्य के साथ खड़े रहना चाहिए : अजय शुक्ल

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कुरुक्षेत्र। सच को आने में थोड़ी देर तो लगती है, लेकिन वह सामने जरूर आता है। एक पत्रकार को हमेशा तथ्य व सत्य के साथ जरूर खड़े रहना चाहिए। जिस तरह से बाढ़ आने के बाद पौधे झुक जाते हैं। प्रकृति के स्वभाव के अनुरूप अगर लचीले रहेंगे तो नया सीखेंगे व जीवन में जरूर अच्छा करेंगे।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में आईटीवी नेटवर्क के चीफ एडिटर अजय शुक्ल सोमवार को ‘बदलते समाचार कक्ष एवं बढ़ती चुनौतियां’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने कहा कि समाचार स्वांत: सुखाय के लिए नहीं होता, बल्कि समाज की भलाई के लिए होता है। एक पत्रकार को हमेशा याद रखना चाहिए कि अगर वह अच्छा इंसान बना रहा तो अच्छा पत्रकार भी
जरूर बनेगा।
जनहित व जनकल्याण को ध्यान में रखकर ही पत्रकारिता करनी चाहिए। किसी को लज्जित करना पत्रकारिता नहीं है। पत्रकारिता समाज की वास्तविक समस्याओं को लोगों के सामने लाने का क्षेत्र है। पत्रकारिता भले ही एक उद्योग है, लेकिन उसके साथ मिशन भी जुड़ा है। उद्योग होने के बाद भी पत्रकारिता कभी भी सौ प्रतिशत उद्योग नहीं हो सकती। अजय शुक्ल ने कहा कि आज पत्रकारिता में नित नए प्रयोग हो रहे हैं। नई तकनीक के कारण समाचार कक्ष बदले हैं। इस बदलाव के साथ कई चुनौतियां भी बढ़ी हैं। विश्वसनीयता का संकट आज सबसे बड़ा संकट है। समाचार कक्ष में कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि वह समाचारों के सत्यापन के बाद ही उन्हें प्रकाशित व प्रसारित करें। अपने व्याख्यान में उन्होंने पिछले कुछ दशकों में समाचार कक्षों में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं व दुर्घटनाओं को केस स्टडी के रूप में प्रस्तुत कर अपने व्याख्यान को और रोचक बना दिया। उन्होंने कहा कि भावी मीडिया कर्मियों के पास मीडिया के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक तरह का नहीं, बल्कि विभिन्न तरह का कौशल होना चाहिए। जो है, जहां है, जैसा है उसे यथार्थ व वस्तुनिष्ठता के साथ प्रस्तुत कीजिए, लोग निश्चित रूप से आपका विश्वास करेंगे। इस मौके पर उन्होंने संपादक के दायित्व, लोकल पुलआउट जर्नलिज्म, समाचार कक्षों में एडिटोरियल के चयन, घटते संसाधन व बढ़ते समाचार माध्यमों में बढ़ते आर्थिक संकट पर चर्चा करते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि कुछ नया व रोचक करने के लिए निरंतर सीखते रहना व अध्ययन करना बेहद जरूरी है। इस मौके पर संस्थान की निदेशक डॉ. बिन्दु शर्मा ने उनका स्वागत कर आभार जताया।

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