आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा ध्यान शिविर आयोजित

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Meditation camp organized by Art of Living organization
Meditation camp organized by Art of Living organization

मनोज वर्मा,कैथल:
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर द्वारा संचालित संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा सम्पूर्ण भारत में आध्यात्मिकता की पावन खुशबू से सुरभित करने हेतू आयोजित किए जा रहे हर घर ध्यान कार्यक्रम के अंतर्गत कैथल में ध्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग परिवार की स्थानीय इकाई के सचिव भारत खुराना ने बताया कि आचार्या अल्पना मितल, आचार्या कंचन सेठ तथा आचार्य विनोद सोनी के पावन सानिध्य में हजारों की संख्या में विद्यार्थियों तथा सभी उपस्थित अध्यापकों ने 3 बार पवित्र ओम् का मधुर मंत्रोचारण करने के पश्चात् सामूहिक ध्यान करते हुए अन्तर्मन की गहराइयों में पैठ कर चुके अनैच्छिक प्रभावों से मुक्ति प्राप्त कर एक नवीन ऊर्जा के संचार की दिव्य अनुभूति अर्जित की।

आज के कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहा विद्यार्थियों को आग्रहपूर्वक ढंग से समझाना

आचार्या अल्पना मित्तल ने दुर्लभ मानव जीवन में योग की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग को जीवन शैली के रूप में अपनाने से व्यक्ति प्रत्येक परिस्थिति में समभाव में रहते हुए निष्काम भाव से कर्तव्यों का पालन कर अपने यज्ञ रूपी जीवन को एक प्रेरक उद्देश्य के साथ दिशा दे पाता है। आचार्या कंचन सेठ ने कहा कि साधना के नियमित अभ्यास से सृजनात्मकता, निर्णय क्षमता, भावनात्मक स्थिरता, एकाग्रता, आत्मविश्वास, नैतिकता तथा शुभ संकल्पशक्ति जैसे दिव्य गुण स्वयमेव ही मानवीय चरित्र का अभिन्न अंग बन जाते हैं। आचार्या कंचन सेठ द्वारा खेलों के माध्यम से शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ साथ सजगता के महत्व के बारे में विद्यार्थियों को आग्रहपूर्वक ढंग से समझाना आज के कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहा।

कार्यक्रम के माध्यम से आचार्या अल्पना मितल ने सन्देश देते हुए कहा कि आज की कन्याएँ भविष्य की माताएँ हैं। अत: इनके समुचित विकास एवं मार्गदर्शन की ओर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है ताकि देश की भावी पीढ़ी हर मायने में सक्षम एवं संस्कारवान हो। आचार्या कंचन सेठ ने स्वामी विवेकानंद को उद्धरित करते हुए कहा कि, शिक्षा आरोपण में नहीं, अपितु प्रेरणा में है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि इस कार्यक्रम से लाभान्वित होने विद्यार्थी भविष्य में नैतिक मूल्यों के साथ साथ चरित्र की नई ऊंचाइयों को छूते हुए देश का नाम रोशन करेंगे। इस अवसर पर प्राचार्या आरती गर्ग ने इस अद्वितीय अयोजन के लिए श्री श्री रविशंकर के साथ साथ आर्ट ऑफ लिविंग के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई कि आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के बहुआयामी विकास हेतू भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे।

इस आयोजन की अद्वितीय विशेषता जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संकल्प धारण करना

प्राचार्या आरती गर्ग ने सभी प्रतिभागी प्रतिभाओं को उनके भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं प्रदान करते हुए जिम्मेदारी, मानवीय मूल्य तथा प्रतिबद्धता जैसे अमूल्य गुणों को अपने चरित्र का अभिन्न अंग बनाने हेतू प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नैतिक एवं चारित्रिक मूल्यों के अभाव में प्रत्येक शिक्षा व्यर्थ है। इस अवसर पर सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों द्वारा योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संकल्प धारण करना इस आयोजन की अद्वितीय विशेषता रही। आचार्या अल्पना मित्तल ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा समाज की आवश्यकताओं की ध्यान में रखते हुए भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे। इस अद्भुत कार्यक्रम की सफलता तय करने में राम बहादुर खुरानिया, प्राचार्या डॉक्टर आरती गर्ग, प्रोफेसर सीमा सुनेजा तथा प्रोफेसर रीना गिल आदि साधकों ने सराहनीय योगदान प्रदान किया।

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