Politics on ‘Rajdharma’, what will we hear when Vajpayee does not listen: ‘राजधर्म’ पर राजनीति, जब वाजपेयी की नहीं सुनी तो हमारी क्या सुनेंगे

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नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा के संबंध में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल सोनिया गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिला। जिसके बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार को राजधर्म और कत्वर्य का पालन करना चाहिए। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और सोनिया गांधी को खुद अपने अंदर झांकने का संदेश दिया था। कांग्रेस द्वारा सरकार को दी गई ‘राजधर्म और कर्तव्य के पालन’ की सीख पर रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को जमकर लताड़ा था। बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपते हुए दिल्ली हिंसा के लिए गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा था। रविवार को ही कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया- कानून मंत्री ने कांग्रेस से कहा कि कृपया हमें राजधर्म न सिखाएं। हम कैसे सिखा सकते हैं मिनिस्टर? जब आपने गुजरात में वाजपेय जी की नहीं सुनी तो आप हमारी कैसे सुनेंगे! उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- सुनना, सीखना और राजधर्म का पालन इनमे से एक भी आपके सरकार के मजबूत प्वाइंट्स नहीं है। सीनियर कांग्रेस नेता अटल बिहारी वाजपेयी के गुजरात में 2002 के दौरान हुए साम्प्रदायिक हिंसा का जिक्र कर रहे थे जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वहां के सीएम थे।

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