Demonstration against CAA in Bengaluru, Delhi, people’s march: बेंगलुरू, दिल्ली में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन, लोगों का मार्च

0
240

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझाने का प्रयास किया हो। लोगों से उन्होंने यह अपील की है कि वह सीएए को समझे। इस कानून से किसी की नागरिकता जाने का कोई डर नहीं है। वह लगातार कह रहे हैं कि यह कानून नागरिकता देने का है न कि नागरिककता लेने का। बावजूद इन सबके लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस व अन्य दल इसका विरोध कर रहे हैं। सोमवार को लोग नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर पर दिल्ली के मंडी हाउस से लेकर संसद तक मार्च कर रहे हैं। बेंगलुरू में बिलाल मस्जिद के पास सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं दिल्ली में भी सीएए का विरोध शाहीन बाग में लगातार चल रहा है। शाहीन बाग में महिलाएं दो महीने से बैठकर प्रदर्शन कर रहीं हैं। इसमें अधिकतर महिला और बच्चे शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों को हटाने वाली मांग की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विरोध से दूसरों को परेशानी न हो, ऐसा अनिश्चित काल के लिए नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इतने समय तक आप रोड कैसे ब्लॉक कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी की होगा। वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी सहित कई लोगों की तरफ से दायर एक याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करने का फैसला किया गया था। याचिका में शाहीन बाग के बंद पड़े रास्‍ते को खुलवाने की मांग की गई थी। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि इस पूरे मसले में हिंसा को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज या हाईकोर्ट के किसी मौजूदा जज द्वारा निगरानी की जाए।

SHARE