After the Tejas, the central government has prepared a blueprint, now 150 trains are ready to go into private hands: reports: केंद्र सरकार ने तैयार किया खाका, तेजस के बाद अब 150 ट्रेने निजी हाथों में जाने को तैयार: रिपोर्ट्स

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नई दिल्ली। भारत में अब ट्रेनों का निजीकरण प्रारंभ हो गया है। देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस ने 4 अक्टूबर से पटरी पर दौड़ना शुरू कर दिया है। सरकार इसके बाद कई अन्य ट्रेनों को और स्टेशनों को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत से बातचीत के आधार पर यह फैसला लिया है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव को इस बारे में एक लेटर लिखा है, जिसमें 150 ट्रेनों और 50 रेलवे स्टेशनों का निजीकरण करने का जिक्र किया गया है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पत्र में नीति आयोग के सीईओ ने लिखा है कि शुरूआती चरण में 150 ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में सौंपा जाएगा। इसके लिए सचिव स्तर का एम्पावरड ग्रुप बनाया जाएगा, जो इस काम को अंजाम देंगे। इस एम्पावरड ग्रुप में नीति आयोग के सीईओ, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव, शहरी एवं विकास मंत्रालय के सचिव शामिल हो सकते हैं। गौरतलब है कि 4 अक्टूबर से तेजस ट्रेन की नियमित परिचालन शुरू की गई। लखनऊ से दिल्ली के लिए इसमें एसी चेयर कार का किराया 1,125 रुपये और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 2,310 रुपये है। वहीं वापसी के सफर के लिए ये एसी चेयर कार के लिए 1,280 जबकि एग्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 2,450 है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। ये ट्रेन लखनऊ से दिल्ली के सफर को 6 घंटे 15 मिनट में तय करती है। लखनऊ से तेजस सुबह 6.10 बजे चलकर 12.25 बजे यात्रियों को दिल्ली पहुंचा देगी। ये ट्रेन बीच में सिर्फ कानपुर और गाजियाबाद में ही रुकेगी।

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