भगवान गणेश की शारीरिक बनावट के मुकाबले उनका वाहन छोटा सा चूहा है। गणेश जी ने आखिर छोटे से जीव को ही अपना वाहन क्यों चुना? उनकी ध्वजा पर भी मूषक विराजमान है। चूहे का काम किसी भी चीज को कुतर डालना है,जो भी वस्तु चूहे को नजर आती है वह उसकी चीरफाड़ कर उसके अंग प्रत्यंग का विश्लेषण सा कर देता है। गणेश जी बुद्धि और विद्या के अधिष्ठाता देवता हैंं। तर्क-वितर्क में उनका सानी कोई नहीं। एक-एक बात या समस्या की तह में जाना, उसकी मीमांसा करना और उसके निष्कर्ष तक पहुंचना उनका शौक है। मूषक भी तर्क-वितर्क में पीछे नहीं हैं। हर वस्तु को काट-छांट कर रख देता है और उतना ही फुर्तीला भी है। जागरूक रहने का संदेश देता है। गणेश जी ने कदाचित चूहे के इन्हीं गुणों को देखते हुए उसे अपना वाहन चुना होगा। फिर भी भगवान गणेश के वाहन मूषक के बारे में कई प्राचीन कथाएं प्रचलित हैं।
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