2027 विस चुनाव में आप पर है किला बचाने का दबाव
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव में जीत दर्ज करना सत्ता पक्ष एवं विपक्षी दलों के लिए साख का सवाल बनी हुई है। जमीनी स्तर के इन चुनावों के नतीजों से राजनैतिक दलों के लिए यह तय होगा कि कौन सी पार्टी कितने पानी में है। सूबे में होने वाले विधानसभा चुनाव में सवा साल से भी कम का समय बचा है। ऐसे में राजनैतिक दलों को इन चुनाव के नतीजों से विधानसभा चुनाव की दशा एवं दिशा तय करने में मदद मिलेगी। इन चुनाव के नतीजे बताएंगे कि विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को कितना जोर लगाने की जरूरत है।
आप के लिए परीक्षा की तरह होंगे ये चुनाव
आप पंजाब में सत्ता वापसी चाहती है लिहाजा पार्टी के लिए जरूरी है कि अपनी चुनावी विजयी यात्रा को जारी रखे। आप के लिए यह ग्रामीण अंचलों में अपनी सियासी पकड़ जांचने की एक परीक्षा हैं। आम आदमी पार्टी पहली बार पंजाब की सत्ता संभाल रही है। यह पूरा कार्यकाल जहां पार्टी के लिए बड़ी जिम्मेदारी बना रहा, वहीं समय-समय पर उपचुनावों के जरिए पार्टी को लोगों के बीच अपनी सियासी स्थिति जांचने का मौका भी मिलता रहा।
पंजाब में सात विधानसभा सीटों तरनतारन, डेराबाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा, बरनाला, लुधियाना व जालंधर पश्चिमी पर उपचुनाव हुए। सातों उपचुनाव आम आदमी पार्टी ने जीते। आमतौर पर कहा जाता है कि उपचुनाव वही पार्टी जीतती है जिसका सूबे में राज हो मगर उपचुनाव के बेहतर नतीजों से जीतना इस बात को भी दर्शाता है कि सरकार की नीतियों पर जनता मुहर लगा रही है। तरनतारन का उपचुनाव तो कार्यकाल खत्म होने के अंतिम दौर में हुआ और इसमें भी आप की शानदार जीत रही।
सरकार के कामों को गिनववा रहे है उम्मीदवार
आम आदमी पार्टी जिला परिषद की 357 और पंचायत समिति की 2863 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। ग्रामीणों के लिए सरकार ने अभी तक क्या किया, यह रिपोर्ट कार्ड गांव-दर-गांव मतदाताओं के समक्ष रखा जा रहा है। इनमें मुख्य रूप से 600 यूनिट मुफ्त बिजली, 45 टोल प्लाजा खत्म करना, हजारों किलोमीटर ग्रामीण लिंक मार्गों के निर्माण के लिए भारी बजट की घोषणा, बाढ़ मुआवजा पीड़ितों के द्वार तक पहुंचाना इत्यादि बातें मतदाताओं के समक्ष उठाई जा रही हैं।
ये भी पढ़ें : Punjab CM News : प्रदेश की औद्योगिक प्रगति में नया मील पत्थर साबित होंगे विदेशी दौरे : सीएम