यम देव का मिलता है आशीर्वाद
Yam Diya, (आज समाज), नई दिल्ली: दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव में धनतेरस पर कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को यम का दीपक जलाया जाता है। मान्यता है कि इससे यमराज देव की कृपा मिलती है। इस दिन को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं जिनमें से एक यम का दीपक। ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के देवता यमराज के नाम से दीपक जलाने से अच्छे स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है और यम देव का आशीर्वाद मिलता है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
त्रयोदशी तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 19 अक्टूबर को दोपहर 01 बजाकर 51 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 18 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा।
यम का दीपक जलाने की सही तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर यम दीप जलाया जाता है, जो तिथि अनुसार 18 अक्टूबर, 2025 को पड़ रहा है। आप सही तिथि के लिए स्थानीय पंचांग का सहारा ले सकते हैं।
दीये की दिशा और स्थान
यम का दीया हमेशा दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जलाना चाहिए। दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और सभी भयों से मुक्ति मिलती है।
दीया जलाने के नियम
- यम का दीया चौमुखी होना चाहिए। इसमें चार बत्तियां लगाकर जलाया जाता है।
- दीये में सरसों के तेल का उपयोग किया जाता है।
- दीपक को जलाने के बाद, उसे घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके रख दिया जाता है।
- दीपक जलाते समय यह प्रार्थना करनी चाहिए कि परिवार के सभी सदस्यों की आयु लंबी हो और उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति मिले।
- कुक्ष लोग यम का दीपक नाली के पास या अन्य किसी स्थानों पर रखते हैं।
- ऐसी मान्यता है कि इस दीप दान से घर में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है और अकाल मृत्यु से भय नहीं रहता है।