भगवान राम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ का प्रतीक है विवाह पंचमी
Vivah Panchami, (आज समाज), नई दिल्ली: विवाह पंचमी भगवान राम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ का प्रतीक है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पर्व 25 नवंबर यानी की आज मनाया जा रहा है। कहते हैं कि जो साधक इस दिन पूजा-पाठ करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती है। साथ ही मनचाहा वर मिलता है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
विवाह पंचमी कब है
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 24 नवंबर को रात 09 बजकर 22 मिनट से शुरू हो चुकी है। वहीं, इसका समापन अगले आज यानी की 25 नवंबर को देर रात 10 बजकर 56 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है। ऐसे में 25 नवंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी।
पूजा विधि
- पूजा के लिए भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान राम को पीले, लाल वस्त्र पहनाएं और माता सीता को सुहाग की सामग्री अर्पित करें।
- उन्हें चंदन, रोली, अक्षत, धूप, दीप और फूल अर्पित करें।
- रामचरितमानस में वर्णित राम-सीता विवाह प्रसंग का पाठ करें।
- पूजा के अंत में भगवान राम और माता सीता की आरती करें।
- इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करें।
- अंत पूजा-पाठ में गलतियों के लिए माफी मांगे।
भोग
विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता को गुड़ से बनी चीजें, खीर, या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए। कुछ स्थानों में भक्त इस दिन पांच प्रकार के फल भी अर्पित करते हैं।
शीघ्र विवाह के उपाय
जिन लोगों की शादी में मुश्किलें आ रही हैं, उन्हें इस दिन व्रत रखकर विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही राम-सीता को पीले वस्त्र अर्पित करने चाहिए। इससे विवाह की रुकावटें दूर होती हैं। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस बात का ध्यान दें कि प्रतिमा एक साथ हो।
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