पैसों से जुड़ी सभी मुश्किलें होगी दूर
Tulsi Puja, (आज समाज), नई दिल्ली: सफला एकादशी पौष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को आती है। जैसा कि नाम से साफ है, यह एकादशी जीवन के हर काम में सफलता प्रदान करती है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है, और देवी तुलसी को उनकी प्रिया माना जाता है। इसलिए, सफला एकादशी के दिन देवी तुलसी की विशेष पूजा करने का विधान है।
धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त सफला एकादशी के दिन विधि-विधान से मां तुलसी की पूजा करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
सफला एकादशी पारण टाइम
वैदिक पंचांग के अनुसार, 16 दिसंबर, 2025 को एकादशी व्रत का पारण सुबह 06 बजकर 55 मिनट 09 बजकर 03 मिनट पर किया जाएगा। बता दें कि एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर होता है।
तुलसी पूजा विधि
- एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु के साथ मां तुलसी की पूजा करें।
- गमले के चारों ओर साफ-सफाई करें और हल्दी-कुमकुम का तिलक लगाएं।
- तुलसी जी को लाल चुनरी चढ़ाएं।
- तुलसी जी के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- ध्यान रहे, यह दीपक पूरी रात जलना चाहिए।
- खीर या मिश्री का भोग लगाएं।
- अगर हो, पाए तो विशेष अनुष्ठान घर पर बनाकर भोग चढ़ाएं।
- पूजा के दौरान तुलसी की जड़ के पास एक सिक्का रख दें।
- पूजा समाप्त होने के बाद यह सिक्का उठाकर अपने धन स्थान में रखें। ऐसा करने से पैसों से जुड़ी सभी मुश्किल दूर होंगी।
- तुलसी के चारों ओर 11 बार परिक्रमा करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
- अंत में पूजा में हुई सभी गलती के लिए माफी मांगे।
सफला एकादशी पूजा मंत्र
- ॐ शुभाद्राय नम:।।
- मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी, नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।।
- महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वम नमोस्तुते।।
- तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।