France stopped PoK President’s program after India’s protest: भारत के विरोध के बाद फ्रांस ने रोका पीओके के राष्ट्रपति का कार्यक्रम

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भारत लगातार पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर घेर रहा है। भारत ने हर अतंरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को कूटनीति में मात दी है। जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत के साथ विश्व समुदाय खड़ा है। जबकि पाकिस्तान को अंतरराष्टÑीय मंचों पर मुंह की खानी पड़ी है। अब भारत ने फ्रांस में पीओके के राष्टÑपति मसूद खान के कार्यक्रम को रद करवाकर एक और बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के राष्ट्रपति मसूद खान का कार्यक्रम फ्रांस के निचले सदन में था। जिसके खिलाफ भारत ने आपत्ति पत्र दाखिला किया जिसकी वजह से उनका कार्यक्र रद कर दिया गया। दरअसल भारतीय मिशन ने फ्रांस के विदेश मंत्रालय को एक आपत्ति पत्र लिखा था जिसके बाद पीओके के राष्ट्रपति को कार्यकम में शामिल होने से रोक दिया गया। पेरिस में पाकिस्तानी मिशन 24 सितंबर को नेशनल असेंबली में पीओके के राष्ट्रपति मसूद खान की बैठक के लिए जोर दे रहा था। इसके बारे में जैसे ही भारत को पता चला उसने कूटनीतिक कदम उठाया। जिसके तहत भारतीय मिशन ने फ्रांस के विदेश मंत्रालय को एक डेमार्श (आपत्ति पत्र) भेजते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से भारत की संप्रभुता का उल्लंघन होगा। भारतीय प्रवासियों ने भी नेशनल असेंबली के स्पीकर और सांसदों को इस मामले के संबंध में मेल भेजे। खान फ्रांस के निचले सदन मे आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाले थे। जब उन्हें फ्रांस सरकार ने कार्यक्रम में जाने की इजाजत नहीं दी तो पाकिस्तान के राजदूत मोइन-उल हक ने इसमें हिस्सा लिया और उनकी तरफ से संबोधित किया।

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