Formation of special court against Musharraf declared unconstitutional: मुशर्रफ के खिलाफ विशेष अदालत के गठन को असंवैधानिक करार दिया

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लाहौर। लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई करने वाली और उन्हें मौत की सजा सुनाने वाली विशेष अदालत के गठन को सोमवार को ‘असंवैधानिक करार दिया।डॉन अखबार की खबर के अनुसार लाहौर उच्च न्यायालय ने मुशर्रफ के खिलाफ विशेष अदालत के गठन को ‘असंवैधानिक करार दिया। न्यायमूर्ति सैयद मजहर अली अकबर नकवी, न्यायमूर्ति मोहम्मद अमीर भट्टी और न्यायमूर्ति चौधरी मसूद जहांगीर की पीठ का सोमवार का यह फैसला मुशर्रफ की याचिका पर आया है। मुशर्रफ ने उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत के गठन को चुनौती दी थी।

अपनी याचिका में मुशर्रफ ने लाहौर उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के फैसले को अवैध, क्षेत्राधिकार से बाहर और असंवैधानिक करार देते हुए उसे खारिज करने की मांग की थी। उन्होंने उनकी इस याचिका पर फैसला आने तक विशेष अदालत के निर्णय को निलंबित रखने की भी मांग की है। जियो टीवी की खबर है कि लाहौर उच्च न्यायालय ने यह भी व्यवस्था दी कि मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला कानून के अनुसार तैयार नहीं किया गया। अतिरिक्त अटार्नी जनरल इश्तियाक अहमद खान ने अदालत से कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत मुशर्रफ के खिलाफ सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार की संघीय कैबिनेट बैठकों के एजेंडे का हिस्सा नहीं था।खान ने अदालत में कहा, ” विशेष अदालत मंत्रिमंडल की औपचारिक मंजूरी के बगैर ही गठित कर दी गयी। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ लगाये गये आरोपों में दम नहीं है क्योंकि कार्यकारी की आपात शक्तियों के तहत मौलिक अधिकार निलंबित किये जा सकते हैं। मुशर्रफ ने पाकिस्तान में 1999 से लेकर 2008 तक शासन किया था और अब वह स्वनिर्वासन में दुबई में रहते हैं।

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