Disputed map passed in Nepali parliament even after India’s opposition, President signs new map: भारत के विरोध के बाद भी नेपाली संसद में पास हुआ विवादित नक्शा, नए नक्शे पर राष्ट्रपति ने किए हस्ताक्षर

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नई दिल्ली। भारत के नेपाल से रिश्ते बहुत ही पुराने और अच्छे रहे हैंलेकिन इन दिनों सीमा विवाद ने स्थितियां बदल दी हैं या यूं कहें कि बदल रहींहैं। नेपाल ने आज भारत के तीन क्षेत्रोंकों अपने नए नक्शे मेंशामिल कर संशोधित नक्शा जारी किया है। आज नेपाल की राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी ने कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा भारतीय क्षेत्रों को नेपाल के नक्शे में शामिल कर नेपाल के नक्शे को बदलने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए। अब इसे संविधान में शामिल कर सभी आधिकारिक दस्तावेजों में नए नक्शे का प्रयोग किया जाएगा। नेपाल के संशोधित नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा इलाकों पर दावा किया गया है। हालांकि भारत ने इसके पहले ही नेपाल द्वारा किए जा रहे इस संशोधन पर कड़ी आपत्ति और विरोध किया था लेनिक बावजदू इसके नेपाल ने भारत के विरोध को नजरंदाज कर नए नक्शे के लिए संविधान स ंशोधन बिल पास कर दिया। हालांकि इसके अब दूरगामी परिणाम होंगे। भारत और नेपाल के दोस्ताना रिश्ते पर इसका असर पड़ेगा। जिस नेपाल के साथ भारत के सौम्य और शांतिपूर्ण रिश्तेथे वहांअब सीमाओं पर तनाव देखने को मिल सकता है। भारत ने नेपाल के मानचित्र में बदलाव करने और कुछ भारतीय क्षेत्रों को उसमें शामिल करने से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को नेपाली संसद के निचले सदन में पारित किए जाने पर शनिवार (13 जून) को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह कृत्रिम विस्तार साक्ष्य एवं ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह मान्य नहीं है।

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