कहा, सरकार की नीतियों और कमजोर अर्थव्यवस्था ने युवाओं में छाई हताशा बनी विद्रोह का कारण

World Bank Report on Nepal (आज समाज), नई दिल्ली: नेपाल बीते तीन दिन से विद्रोह की आग में जल रहा है। युवा विद्रोह के राह पर हैं और सरकारी सपंत्ति को लगातार हानि पहुंचाई जा रही है। इसके साथ ही सरकार की नीतियां भी कहीं न कहीं इस विद्रोह का मुख्य कारण हैं। नेपाल में चल रहे इस जन विद्रोह के बारे में वर्ल्ड बैंक ने अपनी ताजा जारी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि आखिर नेपाल में हो रहे इस विद्रोह का असल में क्या कारण है। वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल की अर्थव्यवस्था कमजोर है।

नेपाल ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मदद ली है। आईएमएफ ने नेपाल को 39.59 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है। यह कर्ज 38 महीनों के लिए है। यह जून 2022 में शुरू हुआ था। इस कर्ज का उद्देश्य कोरोना महामारी के कारण स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से बचाना है। इससे कमजोर लोगों की मदद की जाएगी। आर्थिक स्थिति को स्थिर रखने और गरीबी को कम करने में भी मदद मिलेगी। आईएमएफ ने जून में एक समझौता किया था। इसके तहत नेपाल को 4.27 करोड़ डॉलर और मिलेंगे। इससे नेपाल को अब तक कुल 33.18 करोड़ डॉलर मिल चुके हैं। आईएमएफ के अनुसार, नेपाल की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 में 4% से ज्यादा बढ़ेगी।

युवा शक्ति की प्रतिभा को इस्तेमाल करने में विफल

वर्ल्ड बैंक की नेपाल ह्यूमन कैपिटल रिव्यू रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि नेपाल अपनी मानव पूंजी में कम निवेश कर रहा है और अपनी प्रतिभा का पूरी तरह से इस्तेमाल करने में विफल हो रहा है। इससे देश को बहुत नुकसान हो रहा है।’

इसलिए भी है आम लोगों में गुस्सा

नेपाल में आंदोलन के पीछे भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और आर्थिक असमानता के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिबंध ने युवाओं के गुस्से में घी डालने का काम कर दिया। इसके चलते नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को बीते मंगलवार को इस्तीफा देना पड़ा। देश में आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों की कमी के कारण बेरोजगारी दर दोहरे अंकों में पहुंच गई है। वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार, नेपाल में बेरोजगारी दर कई सालों से लगातार 10% से ऊपर बनी हुई है। 2024 में यह 10.7% थी।

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि नेपाल का ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स (एचसीआई) स्कोर 0.51 है। इसका मतलब है कि आज जन्म लेने वाला बच्चा 18 साल की उम्र तक अपनी पूरी उत्पादकता क्षमता का केवल 51% ही हासिल कर पाएगा। इसके साथ ही नेपाल में आर्थिक विकास धीमा है। युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं। भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से लोग परेशान हैं। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगने से युवाओं में गुस्सा था। इन सभी कारणों से युवा सड़कों पर उतर आए।