9 जुलाई तक दोनों देश सहमत नहीं होते तो अमेरिका भारत पर लगाएगा 26 प्रतिशत टैरिफ दरें

India-US Trade Deal (आज समाज), बिजनेस डेस्क : एक तरफ भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के लिए दोनों देशों के उच्चाधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं। दोनों ही देश कई राउंड की बैठकें कर चुके हैं लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है। एक तरफ जहां यह घोषणा की जा चुकी है कि जल्द ही दोनों देश इसपर हस्ताक्षर कर देंगे। वहीं भारत के पास मात्र दो दिन का समय बचा है।

यदि समझौते पर सहमति नहीं बनती तो भारत को 26 प्रतिशत टैरिफ दरें देने के लिए तैयार होना पड़ेगा। जिससे भारतीय निर्यात पर काफी ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। एक अनुमान के अनुसार भारतीय उद्योगपतियों को करीब 60 हजार करोड़ का सालाना नुकसान होने की उम्मीद है।

भारत ने डब्ल्यूटीओ में जवाबी शुल्क का अधिकार सुरक्षित रखा

अमेरिका की तरफ से भारतीय आॅटो पार्ट्स पर टैरिफ लगाने के खिलाफ भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में जवाबी शुल्क लगाने का अधिकार सुरक्षित रखा है। लेकिन एक सरकारी अधिकारी ने साफ किया है कि यह एक प्रक्रिया से जुड़ा कदम है और इसका भारत-अमेरिका व्यापार समझौते (बीटीए) पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

अमेरिका ने 26 मार्च को लगाई थी नई टैरिफ दरें

भारत ने विश्व व्यापार संगठन के तहत अमेरिका पर जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है। अमेरिका ने 26 मार्च 2025 को ‘सेफगार्ड उपायों’ के तहत भारत सहित कई देशों से आने वाले आॅटोमोबाइल और आॅटो पार्ट्स पर 25% टैरिफ लगा दिया था। इसे भारत ने डब्ल्यूटीओ के सेफगार्ड समझौते के तहत चुनौती दी थी। भारत ने पहले अमेरिका से इस मुद्दे पर बातचीत की थी, और अब 30 दिन की बातचीत की समयसीमा पूरी होने के बाद, भारत ने विश्व व्यापार संगठन को सूचित किया है कि वह अमेरिका के कुछ उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

ट्रंप की नई टैरिफ चेतावनी

इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने 10-12 देशों को नए टैरिफ लगाने की सूचना देने के लिए पत्र साइन कर दिए हैं, जिन्हें सोमवार को भेजा जाएगा। यह भारत-अमेरिका वार्ता के बीच नई चुनौती बन सकती है।